What is IP Address in Hindi- IP Address क्या है

IP Address जिसे Internet Protocol  Address के नाम से भी जाना जाता है एक विशेष Numeric Address है जो किसी Device जैसे Computer, Laptop, Smartphone आदि को उसकी पहचान के लिए दिया जाता है 

ताकि इन Devices को Internet या Local Network मे अलग से पहचाना और उससे Connect किया जा सके। जैसे हमारे Address के बिना कोई हमारे घर या Office तक नही पहुंच सकता वैसे ही बिना IP Address के Internet की दुनिया मे इन Devices को Access करना असंभव है।

Meaning of IP address in Hindi - IP address का मतलब क्या

IP address एक मतलब एक ऐसा Unique number है जिसका उपयोग Internet या एक लोकल एरिया नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को पहचानने के लिए किया जाता है। 

यह डिवाइसेज के लिए होम एड्रेस के समान कार्य करता है जो उन्हें Online ढूंढने और एक दूसरे के साथ Communicate करने में मदद करता है

Versions of IP Address in Hindi (IP Address के संस्करण)


ये दो प्रकार के होते है
1) IPV4(Internet Protocol Version 4)
2) IPV6(Internet Protocol Version 6
)

IPV4

IPV4 Address शुरूवात से ही प्रयोग मे लाया जा रहा है इसलिए यह IP Address समाप्ति के कगार पर है। क्योंकि इसका प्रयोग करके सीमित IP Address ही  बनाए जा सकते है और अधिकतम IP Address बनाए जा चुके है। 

IPV4 Address 32 Bits  का होता है जिसे Decimal  के द्वारा चार भागों में बांटा गया है  और प्रत्येक भाग 8 Bits का होता है इसकी Range 0 से 255 तक होती है इसमें लगभग 4 Billions  IP Address बन चुके है ।

Example of IPV4 Address

192.10.2.1
Binary Format
11000000.00001010.00000010.00000001
System IP Address का Binary Format ही समझता है जो ऊपर दिखाया गया है यहां प्रत्येक Part 8 Bits होता है सब मिलकर यह 32 Bits का होता है।

IPV6

हम जानते है की IPV4 जो की 32 Bits का होता है की अपनी सीमाएं है अर्थात  इनसे केवल सीमित संख्या में ही आईपी एड्रेस बनाएं जा सकते हैं। हम जानते है कि IPV4 Address का उपयोग शुरुवात से हो रहा है और Internet Users की संख्या भी दिनो दिन बढ़ती जा रही है।

इस स्थिति मे हमे ऐसा IP Address चाहिए जो IPV4 की कमी को पूरा करे अत:  इस समस्या को देखते हुए  IP Address का Latest Version IPV6 को IETF (Internet Engineering Task Force) द्वारा सन् 1998 में बनाया गया जिससे असीमित IP Address बनाए जा सकते है। 

यह 128 Bits का होता है  IPV6 Address को : के द्वारा 8 भागो मे बांटा जाता है अभी तक लगभग 340 Trillian IPV6 Address बनाए गए है।

Example of IPV6 Address

2001:0db8:3c4d:0015:0000:0000:1a2f:1a2b।

Types of IP Address in Hindi (IP Address के प्रकार)

ये दो प्रकार के होते है

Private IP Address

हमारे घर में जो Devices जैसे Smartphone, Laptop, Speaker आदि को  Data sharing, Data Transfer या अन्य Personal Use के लिए जब आपस मे Connect करते है तब जो IP Address  Use किया जाता है। वह Private IP Address होता है इसके नाम से ही पता चलता है अर्थात Private IP Address याने Personal Use मे आने वाला IP Address जो हर Device के लिए अलग अलग होता है।

Public IP Address

Internet की दुनिया से या बाहरी Network से जुड़ने हेतु Public IP Address का Use किया जाता है जैसे हमने कोई Website बनाया है और हम चाहते है कि वह Online हो ताकि लोग उसे Visit करें ऐसा तभी हो सकता है जब हम उस Website के IP Address को Public IP Address रखेंगे Public IP Address ISP (Internet Service Provider) द्वारा Provide किया जाता है।


Public IP Address के प्रकार

ये निम्न प्रकार के होते है
a) Static IP Address
b) Dynamic IP Address

Static IP Address

Static IP Address जैसा नाम से ही पता चलता है ऐसा IP Address जो Change नहीं होता जब भी Internet से Connect और Disconnect  होने पर भी IP Address न बदले तो यह Static IP Address है

Dynamic IP Address

Static IP Address  के विपरीत Dynamic IP Address बार-बार Change होता है  जैसे हम Mobile का Use करके Internet से Connect हुए और जब हम पुनः Disconnect होते है तो कई बार हमारा IP Address बदल चुका होता है और हम चाहे तो स्वयं भी अपने Mobile का IP Address बदल सकते है अतः इस प्रकार के IP Address जो बार बार बदलते है Dynamic IP Address कहलाते है।


Classes of IP (IPV4) Address in Hindi

IP Address को अच्छे से Arrange तथा Manage करने के लिए उसे निम्न Classes में बांटा गया है

1) Class A - 0 to 126 
2) Class B - 128 to 191
3) Class C - 192 to 223
4) Class D -  224 to 239
5) Class E - 240 to 255

Class A - 1 to 126 

इस प्रकार के IP Address मे पहले ऑक्टेट का मान यदि 0 से 126 के बीच का है तो वह Class A का IP Address होगा इस प्रकार के कुल 126 Networks है

जिसमें प्रत्येक अलग अलग Network मे 16,777,214 Host Computer को अपने मे जोड़ सकते है। 
इसे Government तथा बड़ी कंपनियों के लिए आरक्षित किया गया था

Example:

125.255.23.17
इसमे 125 Network Id है तथा Host Id 255.23.17
Subnet Mask 255.0.0.0

Note255 Network Id को तथा 0 Host Id को बताता है

Note: 127.0.0.1 Lookback testing हेतु आरक्षित है।

Class B - 128 to 191

इस प्रकार के IP Address मे पहले ऑक्टेट का मान यदि 128 से 191 के बीच का है तो वह Class B का IP Address होगा अर्थात इस प्रकार के कुल 16384 Networks है

 जिसमें प्रत्येक Network मे अलग अलग 65636 Host Computer को अपने मे जोड़ सकते है इसे मध्यम वर्गीय Companies के लिए आरक्षित किया गया था
Example 191.23.28.144
इसमे 191.23 Network Id हैं तथा
28.144 Host Id है
Subnet Mask 255.255.0.0

Class C - 192 to 223

इस प्रकार के IP Address मे पहले ऑक्टेट का मान यदि 192 से 223 के बीच का है तो वह Class C का IP Address होगा इस प्रकार के कुल 2,097,152 Networks है 

जिसमें प्रत्येक Network मे अलग अलग 256 Host Computer को अपने मे जोड़ सकते है इसे छोटे कंपनियों तथा संगठनों के लिए आरक्षित किया गया है
Example 192.204.18.114
इसमे 192.204.18 Network Id है तथा 114 Host Id है
Subnet Mask 255.255.255.0

Class D - 224 to 239

इसमे IP Address का Range 
224 to 239 के बीच का होता है इसे Multicasting के लिए आरक्षित किया गया है
Example 227.34.78.7
इसमे न कोई Network Id है और न कोई Host Id

Class E - 240 to 255

Class E मे IP Address का Range 240 से 255 तक का होता है इसे भविष्य मे  Experimental Purpose तथा Research के लिए Reserve करके रखा गया है
Example 246.7.3.8
इसमे भी न कोई Network Id है और न कोई Host Id

Difference between IPV4 and IPV6 Address in Hindi (IPV4 और IPV6 Address में अंतर)

1)
IPV4 Address की Length 32 Bit या 4 Byte की होती है

IPV6 Address की Length 128 Bit या 16 Byte की होती है।

2)
IPV4 मे लगभग 4 billion Unique IP Address बनाए गए है

IPV6 मे लगभग 340 Trillion Unique IP Address बनाए जा चुके है।

3)
IPV4 Address का Range 0 से 255 है
Example 192.255.108.253

IPV6 Address का Range 0 से FFFF(65535) है।


4)
IPV4 Address मे 4 Octets होते हैं और प्रत्येक 8 bits का होता है

IPV6 Address मे 8 Octets होते हैं और प्रत्येक 16 bits का होता है।

5) 
IPV4 एक Numeric Address है जो Dots (.) से Seperate होते है।

IPV6 एक Alphanumeric Address होता है जो Colon के चिन्ह से अलग होते है।

6)
IPV4 Address मे 5 Classes Class A, Class B, Class C, ClassD तथा Class E होते है।

IPV6 Address मे कोई Class नही होते है।

Difference between IP Address and MAC Address in Hindi (IP Address और MAC Address में अंतर)

1)
 IP का पुरा नाम Internet Protocol है

Mac का पुरा नाम Media Access Control है

2)
IP Address Logical Address है

Mac Address Hardware Address या Physical Address है

3)
IP Address की Length IPV4 Version के लिए 32 Bits तथा IPV6 के लिए 128 Bits hai

Mac Address की Length 48 Bits है

4)
IP Address को ISP (Internet Service Provider) द्वारा प्रदान किया जाता है

Mac Address को NIC(Network Interface card) Manufacture द्वारा प्रदान किया जाता

5)
IP Address मे किसी भी Devices का IP Address किसी भी समय बदला जा सकता है

Mac Address तभी बदलेगा जब हम Device के LAN Card को बदलेंगे

6) 
IP Address OSI के 3 Layer अर्थात Network Layer पर कार्य करता है

Mac Address OSI के 2 Layer अर्थात Data Link Layer पर कार्य करता है

7)
IP Address द्वारा किसी एक  Device के Connection को पहचाना जाता है

Mac Address के द्वारा एक Device को पहचाना जाता है

8) 
IP Address को Decimal Digits या Binary form मे Represent किया जाता है
Example
192.168.1.100

Mac को Address को Hexadecimal या Binary form मे Represent किया जाता है
Example
00 -1D - 60 - 2F - 4B - 39

Use of IP Address (IP Address के उपयोग)

1) IP Address के कारण इतनी विशाल Network में एक Device को अलग से पहचाना जाता है।

2) IP Address को देखकर और उससे सम्बन्धित Device की पहचान कर Data को एक Devices से दूसरे Device तक भेजा जाता है।

3)IP Address का प्रयोग करके Network को Secure किया जाता है जैसे Firewall को किसी Traffic को Block करने के लिए उससे सम्बन्धित IP Address को देकर Set किया जाता है।

Misusing of IP Address in Hindi  (IP Address का गलत इस्तेमाल)

IP Address का कई तरीके से गलत उपयोग किया सकता है जिसमे से कुछ निम्न है।

Hacking:-

Hacker द्वारा IP Address का Use करके Devices या Network पर अनाधिकृत Access प्राप्त कर सकता है जिससे महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील Data के चोरी होने का खतरा हो सकता है

Spamming:-

Spammers द्वारा Fake IP Address का Use कर Spam Emails या Comments भेजा जा सकता है

Cyberattacks:-

Attackers IP Address का Use करके Authorized Users को Network Services के उपयोग से वंचित कर सकता है जिसे Denial of Services कहते है इसमे Attackers Network या Website को Traffic से भर देगा कि सही Users के लिए वह Network या Website Unavailable हो जाता है।

Tracking:-

IP Address का प्रयोग करके Internet पर Users की Activity का Monitor किया जा सकता है

How to Prevent IP Address from being Misused(IP Address को गलत इस्तेमाल से कैसे बचाना)

यद्यपि IP Address को Internet पर अन्य लोगों Visible होने से पूरी तरह नहीं रोक सकते लेकिन कुछ कार्य करके आप अपनें IP Address को Misuse होने से निम्न प्रकार से रोक सकते है

Use a Proxy Server :-

Proxy Server User के Device तथा Internet के बीच एक Intermediater का कार्य करता है अर्थात जब आप Proxy Server का Use करके Internet से Connect होते है

 तब Proxy Server का IP Address Websites Proxy Server का IP Address देखता है और आपके Device का IP Address छिप जाता है।

Configure Your Router:-

आप अपने Router को Dynamic IP Address का Use करने के लिए Configure कर सकते है जिससे आपको IP Address बार बार बदलता रहेगा और Attackers के लिए आपके Device या Network को Attack करना ज्यादा मुश्किल हो जाएगा

Use a VPN:-

VPN का पूरा नाम Virtual Private Network है यह आपके Internet Connection को Encrypt करता है साथ ही आपके IP Address को अन्य से Hide कर देता है

Use a Tor Browser:-

जब आप Tor Browser का Use करके Internet संबंधित कार्यों को करते है तब यह Browser आपके IP Address को Hide कर देता है जिससे आपके द्वारा हो रहे Online Activities Secure हो जाती है

What is IP Spoofing(IP Spoofing क्या है)

IP Spoofing मे एक ऐसा IP Packet बनाया जाता है जिसमे पहचान छुपाने के लिए False Source IP Address का प्रयोग करते है IP Spoofing Hacker द्वारा किया जाता है ताकि वह अवैधानिक रूप से Computer को Access कर सके।

इसे उदाहरण से समझते है
मान लीजिए एक Partner अपने Victum को IP Packets Send करता है जिस पर Source तथा Destination IP Address और अन्य जानकारी रहती है 

उनके बीच Attacker भी शामिल होकर उस Packets को अपनी इच्छानुसार Modify करता है तथा Victum भ्रमित करता कि IP Packets उसके Partner की ओर से ही आ रहा है 

क्योंकि उस Modified Packets या Spoof Packets मे IP Address Source का रहता है जब Victum के पास यह Spoof Packets पहुंचता है।

 तो वह समझता है कि Packets Partner की ओर से भेजा गया है अब Attacker Victum के Device पर Unauthorized Access कर अपने मकसद को पूरा करता है