What is Ledger Group in Tally in Hindi - Tally में Ledger Group क्या हैै उसे कैसे बनाएं 

What is Ledger Group in Hindi - Ledger Group क्या है

Tally में पहले से बहुत सारे Ledger Group बने होते है जिनके अंदर आप Ledger को रखते है लेकिन आप स्वयं अपनी इच्छानुसार ledger Group बनाना चाहते है तो Tally मे दो प्रकार से आप Ledger Group बना सकते है।

Types of Ledger Group in Hindi - Ledger Group के प्रकार

1) Single Ledger Group
2) Multiple Ledger Group

Create Single Ledger Group in Hindi - Single Ledger Group का निर्माण करना

इस Option का प्रयोग करके आप एक समय मे Ledger के लिए एक Group का निर्माण कर सकते है इसे निम्न प्रकार से करे।
1) Gateway of Tally से Account Info को Select करे।

2) Account Info से Group को Select करे

3) Ledger Group से Single Ledger के अंतर्गत Create को Select करे।


4) Ledger Group Creation Screen दिखाई देगी इस मे दिए Options निम्न है

a) Name :-
अपने Ledger के लिए बनाए जा रहे Group का नाम दे जैसे Local Deptors

b) alias:-
अपने Ledger Group केलिए आवश्यक है तो उपनाम Type करे।

c) Under:-
अपने Ledger Group को जिस Group  में रखना चाहते हैं उसे Select करे जैसे Sundry Deptors

d) Group behave like a subledger
यदि आप Ledger Group को Subledger के समान रखना चाहते है तो Yes करे अन्यथा No करे।

e) Nett Debit/Credit Balance for Reporting
यदि आप इसके Net  Debit या Credit Balance को Reporting के लिए चाहते है तो Yes करे अन्यथा No करे।

f) Used for Calculation (Eg, Taxes, Discounts):-
यदि आप इस Ledger Group का प्रयोग Taxes या Discounts के गणना के लिए करना चाहते है तो Yes करे अन्यथा No करे।

g) Method to Allocate When used in Purchased Invoice:-
इसे Not Applicable करे।

अन्त मे इसे Save करने के लिए Enter Key Press करे।

Create Multiple Ledger Group in Hindi - Multiple Ledger Group का निर्माण करना

आप एक बार में कई Ledger Group का निर्माण करना चाहते है तो Multiple Ledger Group Option का प्रयोग करे।

मान लीजिए हम Local Deptors के अंतर्गत विभिन्न Deptors जैसे Balod City Deptors, Durg City Deptors, Raipur City Deptors को रखना चाहते है क्योंकि इन Cities से विभिन्न Customers हमसे उधारी में माल Purchase करते है।

जब भी हम इन Cities के Customers का Ledger बनाएंगे तब हम उन Ledgers को इन्ही Group में रखेंगे जैसे Balod से कोई Customer माल Purchase करेगा तो उनके Ledger को Tally में Sundry Debtors Group के साथ Balod City Deptors Group में रखेंगे।

1) इसके लिए Gateway of Tally से Accounts Info को चुने। 

2) Account Info से Group Option का चयन करे 

3) Multigroup से Create पर Click करे जिससे Multigroup Creation Screen प्रदर्शित होगी इसमे निम्न Options होते है

a) Under Group:-
इसमे वह Group चुने जिसके अन्दर अन्य Ledger Group पाए जाएंगे

b) Name of Group:-
इसमे वे सारे Ledger Groups के नाम Type करे जिसमे प्रत्येक एक एक Group मे आप Ledger को रखेंगे

c) Under:-
इन एक एक Ledger Group को आप पुनः एक ही Group में रख सकते है या अलग अलग Group मे भी रख सकते है
अन्त मे इसे Save करने के लिए Enter Key Press करे।

Tally मे पाए जाने वाले Ledger Groups की List


Bank Accounts

इसमे सारे Bank के Accounts आते है चाहे वह Saving हो या Current Account इस Group के अंतर्गत बनाए गए Ledger में पैसों का लेनदेन होते है जैसे Bank से पैसा निकालना या जमा करना या किसी को Transfer करना।

Example:

Bank(SBI A/C, HDFC A/C सारे बैंक आयेंगे)
Bank Balance, Bank in Cash आदि।

Bank OCC 

जब हम किसी bank से Loan लेते है तब उस Bank Loan वाले Ledger को इस Group में रखते है ये बहुत कम समय के लिए लिए जाते है और समय समय पर उसे Pay कर दिए जाते है।

Example:

SBI Bank Loan, ICICI Bank Loan

Bank OD

इसे Bank Over Draft कहते है इसका प्रयोग आप तब कर सकते है जब आपके Account में पैसा कम हो और आपका Bank आपको Over Draft की सुविधा देता है जैसे आपका Bank Balance 1 लाख हैं और आपको 120000 का cheque जारी करवाना है तब Bank आपको 20000 का Over Draft देगी।

Branch/  Division

मान लीजिए आपके Business का Branches अलग अलग स्थानों में है और उनके लिए Ledger बना रहे है तब आपको उन Ledgers को इस Group में रखना होगा

Example:

Raipur Branch
Durg Branch, 
Balod Branch

Capital Account

जब Business Open करने के लिए पूंजी लगाई जाती है तब आप जो Ledger बनाएंगे उसे Capital Group मे रखना होगा

Example:

Ravi A/C या  Ravi Capital A/C, कोई भी नाम से Ledger बना सकते है।

Drawing A/C

जब हम अपने Business से सामान या Cash निकालते है तब उस प्रकार के Ledger को इस Group मे रखते है।

Example

Drawing A/C

Cash-in-Hand

इस Group मे Cash नाम से केवल एक Ledger बनता है जो By Default Tally बना के देता है आप अन्य नाम से भी बना सकते है।

Example

Cash A/C, Suman Cash A/C

Current Assets

ऐसे Ledger Current Assets Group में रखे जाते है जो जल्द ही Cash में बदल  जाते है जो आपको मिलने वाले होते है।

Example:

Bill Receivables A/C, Closing Stock, GST Refunds, Interest Receivables
 

Current Liabilities

यह Current Assets के विपरीत आपके लिए कर्ज होते है जो शीघ्र आपको देने होते है।

Example:

Advance Salary Payable, GST Payable, Bill Payable, Interest Payable, Short term loans

Deposits(Assets)

वह संपत्ति जिसे हमने किसी अन्य को जमा किया है और बाद मे हमे वह मिलेगा

Example:

Security Deposit Assets, Office Rent Deposit, Telephone Security Deposit, VAT Deposit

Direct Expenses

वे सभी खर्चे जो Direct Business से संबन्धित है जिसके बिना Business के कार्य भी रुक सकते है यह Business के खर्चे का बड़ा भाग होता है।

Example:
जैसे आपके Factory का Machine खराब हो गया जिससे आपके सारे कार्य रूक तब Machine को सुधारने के लिए किए खर्चे

Example:

Purchase Account, Carriage expenses, Wages expenses, Transport expenses,
Machine Expenses

Direct Income

जब आपको Business से सीधे ही Income होते है तब ऐसे Ledger को इस Group में रखा जाता है।

Example:

Sales Account, Purchase पर आपको जो Discount मिलता है।

Duties &Taxes

इस Group के अंदर सभी Tax से संबंधित Ledger बनाकर रखते है।

Example:

GST, TDS, CESS, VAT

Expenses (Direct)

ऐसे खर्चे जो Purchase को छोड़कर अन्य प्रकार के खर्चे होते है।

Example:

Carriage A/C, Import Duty, Export Duty, Wages A/C, Wages on Production

Expenses (Indirect)

ये खर्चे Business को Indirect रूप से Support करते है जिससे Business चलते रहता है जैसे Office से संबन्धित खर्चे

Example:

Employee Salary A/C,Telephone A/C, Electricity bill A/C, Advertising Expenses, Rent Expenses, Audit Fees, Stationary Expenses

Fixed Assets

ऐसी संपत्ति जो स्थिर होती जो Business को चलाने मे योगदान करती है।

Example:

Furniture, Computer, Machinary, Land, Building, Mobile and Vehicle Used for Business

Indirect Expenses

Business को चलाने से संबंधित खर्चे या Office Expenses Indirect Expenses में आते है।

Example:

Office expenses
Employee Salary 
Electricity Bill
Telephone Bill

Indirect Income

ये Income Direct Business से संबंधित नही होते परन्तु आप इसे अपने मुख्य Business को चलाते Earn करते है।

Example:

Commision Received, Discount Received, Interest on Investment, Insurance Claim Received, Bad Dept Received

Investment

जब हम अपने Profit के लिए Invest करते है तब उस प्रकार का Ledger Investment मे आता है।

Example:

Mutual Fund, Shares, Fixed Deposit, RD, Bond, Investment in Gold, Investment in Silver

Loan&Advance (Asset)

इस Group में वे Ledger आते है जो ऐसे Loan या Advance होते है जो हम दूसरों को देते है।

Example:

Advance Salary, Loan given to Amar, Advance Income Tax

Loan(Liability)

यह कर्ज है जिसे आपने Loan के रुप मे दूसरो से , Bank से या अन्य Financial Institutions इत्यादि से लिया है।

Example:

Loan from other, Loan from Banks, Loan from partner, Loan from Employee 

Misc. Expenses (ASSET)

इस Group वाले Ledger सामान्यत Use नही होते

मान लीजिए आपने  अपनी मशीन की रिपेयरिंग के लिए 1000 दिया  और जब आपने उस मशीन को उपयोग किया तो 1 दिन में ही वह मशीन खराब हो गई अब आप रिपेयरिंग वाले व्यक्ति को पुनः मशीन बनाने के लिए बुलाते हैं 

लेकिन वह नहीं आता आपने जो 1000 दिया था उसे वह Machine रिपेयर करने वाला व्यक्ति 15 दिनों मे आपको वापस  करने के लिए कहता है अतः 15 दिनों के लिए वह Repaire Charge Misc है और Expenses आपको लिए Assets है।

Provisions

जब आप किसी खर्च जैसे किसी स्थाई संपत्ति के Depreciation या Bad Depts के लिए अलग से Amount अनुमानित या मूल्यांकित करते है तब यह Provision कहलाता है।

Purchase Accounts

माल के खरीदने से संबन्धित बनाए गए Ledger को इस Group मे रखते है।

Example:

Purchase A/C, Purchase Return A/C, Purchase of Raw materials, Purchase of finished materials, Purchase of Services

Reserve & Surplus

इस Group में ऐसे Ledger रखे जाते है जब Business से कमाया गया Profit के आधे भाग को उसी Business को और आगे बढ़ाने के लिए Use करते है।

Example:

दो Business Partner ने उस Business से प्राप्त Profit को बचा के रखा ताकि Business को आगे बढ़ाने के लिए उस Profit को Use कर सके
Retained Earnings, Capital Reserve, Bad Dept Reserve

Sales Accounts

माल के बेचने से संबन्धित बनाए गए Ledger को इस Group में रखते है।

Example:

Sales A/C, Sales Return A/C

Secured Loans

इस प्रकार के Loan लेने के लिए आपको Security के लिए कुछ रखना होता है ऐसे Ledger इस Group मे आते है।

Example:

Gold Loan, Property Loan, Home Loan, Bank Loan

Stock-in -Hand

यह Business के Closing Stock या Current Stock से संबंधित है।

Example:

Raw Materials, Finished Goods, Opening Stock, Closing Stock,

Sundry Creditors(लेनदार)

Sundry Deptors के विपरीत इसमे ऐसे Ledger रखे जायेंगे जिसमे किसी ने हमसे माल खरीदा है और वे हमे बाद मे इसका Payment करेंगे।

Sundry Deptors (देनदार)

इसमे ऐसे Ledger रखे जाते है जिसमे हमने किसी से माल खरीदा है और बाद में उसे हम Payment देंगे।

Suspense A/c

Business में कुछ Amount ऐसे भी जिसके बारे मे पता नही चलता की ये Amount कौन से Ledger से है तब इसके समाधान हेतु अन्य Ledger बनाकर उसे इस Group में रखा जाता है।

Unsecured Loans 

इस प्रकार के Group में वैसे Ledger रखे जाते है जो ऐसे Loan से संबंधित है जो हमने दूसरो से लिए है और उस Loan के बदले Security के लिए कुछ नहीं रखा गया है।

Example:

Personal Loan, Educational Loan, Credit Card Loan (Without Deposit as a Security)


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