Network के Components क्या है? उसकी संपूर्ण जानकारी हिंदी में 


Network components in Hindi 

एक Network विभिन्न Parts से मिलकर बने होते हैं जो Devices को एक दूसरे के साथ Communicate करने में मदद करते हैं। Network की कुछ Parts का कार्य Data को भेजना, जबकि अन्य  यह सुनिश्चित करते हैं कि Data सही स्थान पर पहुंचे।

Network के कुछ Parts, Devices को Internet से Connect करते हैं और अन्य Network को Hackers से सुरक्षित रखते हैं। अतः Network को सुचारू और सुरक्षित रूप से चलाने के लिए ये सभी Part एक साथ काम करते हैं।

Networks के ये Components या Parts निम्न है 
 
Network components

1) Server

Server, एक मजबूत Computer है जो एक Network पर मौजूद अन्य Computers को Data और Services प्रदान करता है। जब लोग Computer या Devices का Use करके Server से किसी Webpages, Audio, Video, Files के लिए Request करते हैं तो Server उनके Request को पूरा करता है और उनके Devices पर Request किए गए चीजों अर्थात Webpages, Audio, Video, Files को भेजता है।

Servers, Data के Access पर नियंत्रण रखता है अर्थात यह निर्धारित करता है कि कौन Data को Access कर सकता है और कौन नहीं कर सकता और इस प्रकार वह सब कुछ को सुरक्षित रखता है। Server Computer, अन्य सामान्य Computers से ज्यादा शक्तिशाली होता है और हर समय कार्य करते रहता है।

2) Client 

Client एक Computer, Device, या Program है जो Server से Data या Service के लिए Request करता है। इस Request के अंतर्गत किसी Website को Open करना या Email भेजना, कोई Form Submit करना आदि हो सकतें है।

अब Server का कार्य उस Request को Process करना तथा Client के कार्यों को पूरा करना है। Users, Clients के माध्यम से ही Server से Interact कर पाते है तथा Server से आवश्यक जानकारी प्राप्त करते है।

जैसे User को एक Website को Open करना है अब User, Client Application जैसे कोई भी Browser का Use करके अपने Device पर उस Website को Click करके Server को उसे खोलने के लिए Request भेजेगा तब Server उस Request को Process करेगा जिससे Client के Device में वह Website Open हो जायेगा। 

3) Transmission Media

एक Network में विभिन्न Devices के बीच Data Transfer होने के लिए Transmission Media का प्रयोग किया जाता है। एक Network में Data इन्ही Transmission media के माध्यम से एक Devices से दूसरे Devices तक पहुंचते है।

Transmission media, के कारण ही एक Devices, Internet से Connect हो पाते है, अन्य Devices को सूचना भेज तथा प्राप्त कर पाते है, और विभिन्न प्रकार के Data को Share कर पाते है।

ये Transmission Media दो प्रकार के होते है
1) Guided media
2) Unguided media

Guided media में Devices को Cables या Wires की मदद से Connect किया जाता है। इसलिए इसे Wired media भी कहते हैं। ये Cables Fibre optic cable, Coaxial cable आदि हो सकतें हैं।

Unguided media में Devices के बीच Connections के लिए कोई भी Cables या Wires का Use नहीं किया जाता है। इसलिए इसे Wireless media भी कहते है। अतः इसमें Data को Microwave या Radiowave के form में भेजा और प्राप्त किया जाता है।

4) Networking Devices 

Networking devices, Hardware होते हैं जिसका कार्य Computers तथा अन्य Devices को Connect करना है ताकि उनके बीच में Information को Share किया जा सके।

वे Data traffic को Manage करते है और Network को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करते हैं। Networking devices के अन्तर्गत निम्न Devices शामिल है।

a) Router

Router एक Device है जिसका कार्य विभिन्न प्रकार के Networks को Connect करना तथा Data को उन जुड़े Networks के बीच भेजना।

यह Data packets को प्राप्त करता है उसके Address को चेक करता है तथा उसके Address के अनुसार उसे सही जगह में भेज देता है। अतः Routers, विभिन्न Networks से जुडे Devices को आपस में Communicate करने में मदद करता है। 

इससे Users आसानी से Internet को Access कर पाता है, विभिन्न प्रकार के सूचनाओं को भेज और प्राप्त कर पाता है। Routers एक महत्वपूर्ण Devices है क्योंकि यह न केवल विभिन्न Networks को Connect करता है बल्कि इन Networks से आने जाने वाले Data traffic को Manage करता है। यह सुनिश्चित करता है कि Data अपने गंतव्य स्थान पर सही और सुरक्षित तरीके से पहुंच सके।

b) Switch 

Switch एक Network के भीतर कई Devices को Connect करता है ताकि ये Devices आपस में Communicate कर सकें। यह Data packets को प्राप्त करता है, उसे Check करता है कि Data packets को कौन से Devices में जाना है और फिर उसे सही Devices में भेज देता है।

Switch तेजी से Data transfer करके Network में Data के बीच होने टकराव को कम करता है। ऐसा करके यह Network के प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। 

ये Local Area Network के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसका Use, Homes, Businesses, और Organizations में Devices को Connect करने मे किया जाता है ताकि उन Devices के बीच बेहतर Communication हो सकें।

c) HUB

Hub एक सरल Networking device है, जो कई Devices को Connect करता है। यह एक Device से Data प्राप्त करता है और उसी Data को Network से जुड़े अन्य सभी Devices को भेजता है। 
 
Switch भी Hub के समान Network से जुड़े Devices को Data भेजता है लेकिन Switch सही Device को ही Data भेजता है जिन्हे Data प्राप्त करने के जरूरत है। लेकिन HUB सभी Devices को Data भेजता है भले ही उन Devices को Data की जरूरत हो या न हो। 

अतः HUB का Use करने से Data में टकराव की स्थिति बन जाती है और Network की गति धीमी हो जाता है।
HUB का उपयोग अभी भी छोटे नेटवर्क में या पुराने सिस्टम के साथ किया जाता है, लेकिन आजकल Switch और Router का Use, HUB से ज्यादा होने लगा है।

d) Modem

Modem एक ऐसा Device है जो आपके Computer को Internet से Connect होने के लिए मदद करता है। यह आपके Computer के Digital Data को प्राप्त कर उसे Signal में बदल देता है ताकि वह signal Telephone line या Cable data के माध्यम से Travel कर सके। 

यह पुन: Signal को Data में बदल देता है ताकि Computer उसे समझ सकें। Modem विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे DSL, cable, और fiber और प्रत्येक की अलग-अलग Speed होती है।

Modems इंटरनेट का Use करने ऑनलाइन गेम खेलने और घर से कार्य करने आदि में मदद करता है।
जैसे-जैसे Technology में सुधार होता है Modems, तेज , ज्यादा सुरक्षित और और मजबूत कनेक्शन बनाए रखने के लिए बेहतर होते जा रहा है।

e) Bridge

Bridges, अलग अलग Network को Connect करता है तथा उनके बीच Data भेजने में मदद करता है।
Bridge Data को Filter करता है तथा यह Check करता है कि Data को किस Device या Network में जानें की जरूरत है और फिर उसी Device या Network में Data को भेजता है। 

Bridge, Hub के समान नही है जो Data को सभी Device में भेजता है बल्कि Bridge सही Device में Data भेजकर Network की Traffic को कम करने में मदद करता है।

सही Device को Data भेजकर Bridge, Network को भी सुरक्षित रखता है क्योंकि केवल सही Device ही जानकारी प्राप्त करता है। यह Network को तेजी से कार्य करने में मदद करता है और Data को ज्यादा Private बनाए रखता है।

f) Repeater

Repeater एक ऐसा Device है जो कमजोर Signal को मजबूत बनाता है और Network के signals को Improve करता है। Repeater, विशेष कर उन स्थानों के लिए उपयोगी है जहां पर लंबी दूरी तय करने के कारण Signal कमजोर हो जाता है या जहां पर दीवार जैसी रुकावट होती है।

Repeaters, Data को बिना कमजोर पड़े आगे Travel करने में मदद करता है, ताकि ज्यादा Devices को Connect किया जा सके। आधुनिक Network में Routers और Switch बेहतर कार्य करते है लेकिन सही परिस्थितियो में Repeaters अभी भी सरल तथा सहायक विकल्प है।

g) Gateway 

Gateway, विभिन्न Network को Connect करता है ताकि उन Networks के Devices आपस में Communicate कर सकें। यह Data के format, Protocols(Rules) और Addresses बदलता है ताकि जिस Network में सूचनाओं को भेजा जा रहा है वे Network उसे समझ सके।

Gateway, Data को प्राप्त करता है उसे बदलता है और सही Network में भेजता है। यह Devices को विभिन्न Networks से Connect होने में मदद करता है ताकि वे मिलकर एक साथ कार्य कर सकें।

Gateways, Hardware हो सकते हैं जैसे Routers या Software हो सकते हैं जैसे Proxy servers। ये Network को Protect करने मे, Data के flow को Manage करने मे मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि Data सही तरीके से भेजा जाता है।

5) Networking Operating System

Networking Operating System (NOS) कैसे एक Network कार्य करता है उसे Manage तथा Control करने में मदद करते हैं। ये Devices को आपस में बातचीत करने तथा विभिन्न Resources जैसे Files, Printers को Share करने की अनुमति देते हैं।

NOS, Network की Security को भी Handle करते हैं और यह निर्णय लेते हैं कि Devices के बीच विभिन्न Resources जैसे Files, Printer, Internet को कैसे Share किया जाए।

NOS, Network को Setup करने, Data कैसे Devices के बीच Move करता है इसे Control करने में मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते है कि सही Users Data को Access कर सकें।

Devices, NOS का Use करके आसानी से Resources को Share कर सकते है।
NOS के Examples के अंतर्गत 
Windows Server, Linux , Ubuntu Server आदि आते है।

6) NIC(Network Interface Card)

Network Interface Card (NIC), एक Computer को एक Network से Connect करता है ताकि Computer, Network में अन्य Computers या Devices को Data भेज और प्राप्त कर सकें।

NIC, Data को Computer से लेता है और ऐसी Format में बदलता है कि Network उसे समझ सके और उसे पूरे Network मे भेजता है।

जब Data Network से आता है तब NIC उसे ऐसे Format में बदल देता है कि Computer उसे समझ सके।
यह प्रक्रिया Computer को अन्य Devices के साथ Communicate करना जैसे File को Share करना, Internet का Use करना या Network पर Document को Print करना आदि कार्यों को करने की अनुमति देता है।

विभिन्न प्रकार के NICs जैसे wired (Ethernet), wireless (Wi-Fi), Bluetooth, और fiber optic होते हैं।

7) Access point 

Access point (AP) एक Device है जो Wireless devices, जैसे Phones या Laptops को एक Wired networks के माध्यम से Internet से Connect करता है।

यह Bridge के समान कार्य करता है जो Data को Wireless devices से Wired networks में भेजता है। जब आपका Phone, Access point को Data भेजता है तब Access pointe इस Data को बदल देता है ताकि Wired networks इसे समझ सकें।

इस प्रकार आपका Devices Internet को Access करता है और Same Network में मौजूद अन्य Devices से Communicate कर सकता है।

Access Points को Setup करना सरल है और यह एक समय में कई Devices को handle कर सकता है।
अतः यह Home, Offices या Public place के लिए बहुत उपयोगी है।

8) Protocols

Protocol, Rules के एक Set के समान है जो Devices जैसे Computers या Phones को एक दूसरे से Communicate करने में मदद करते हैं।
Protocols, Devices को यह निर्णय लेने में मदद करते हैं कि Data को कैसे भेजे और प्राप्त करें, कितनी तेजी से भेजें और यदि कुछ समस्या होती है तो उसे कैसे fix करें।

क्या सुनिश्चित करता है कि Data सही Device तक सुरक्षित रूप में बिना त्रुटियो के पहुंचे।

कुछ सामान्य प्रकार के Protocols निम्न है।
TCP/IP: 
ये Internet पर Data भेजने में मदद करते हैं।
HTTP
जब आप Websites को Browse करते हैं तब इसका Use होता है।
FTP
यह Computers के बीच फाइल ट्रांसफर करने में मदद करता है।
SMTP
यह ईमेल भेजने में मदद करता है।

9) Firewall

Firewall एक ऐसा System है जो अंदर और बाहर आने वाले Data को नियंत्रित करके आपके Network को सुरक्षित करता है। यह एक Gatekeeper, के समान कार्य करता है जो सुरक्षित Data को अंदर आने की अनुमति देता है तथा जो Data संदेहात्मक या अज्ञात रहता है उसे Block कर देता है।

Firewalls, Hardware या Software 
के रूप में हो सकता है
Hardware firewalls, Routers जैसे Devices के भाग है जबकि Software firewalls को Computer या Apps पर Install किए जाते हैं।