इथरनेट क्या है? What is Ethernet in Hindi
इथरनेट एक तकनीक है जो Devices जैसे Computers और Printers को Cable का Use करके एक Local area network में Connect करता है।
यह इन Devices को आपस में एक दूसरे से बातचीत करने और सूचनाओं को Share करने की अनुमति देते हैं।
इथरनेट, OSI model के Physical और Data link layer में Operate होते हैं
Ethernet, Data को छोटे Packets के रूप में एक Device से दूसरे Device के पास यह सुनिश्चित करते हुए भेजता हैं कि ये Packets बिना किसी गलती के
सही Device के पास पहुंचे। Ethernet, Devices को आपस में एक दूसरे से बातचीत करने तथा पहचान के लिए कुछ सरल नियमों का पालन करते हैं।
Ethernet बहुत लचीले होते हैं तथा यह विभिन्न प्रकार के Devices को आसानी से जोड़ सकते हैं इसका मतलब है कि आप बड़ी सरलता से एक Network का निर्माण कर सकते हैं ताकि Devices के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके।
Ethernet बहुत लचीले होते हैं तथा यह विभिन्न प्रकार के Devices को आसानी से जोड़ सकते हैं इसका मतलब है कि आप बड़ी सरलता से एक Network का निर्माण कर सकते हैं ताकि Devices के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके।
चाहे आप एक Office network का निर्माण करना चाहते हैं या अपने Home network नेटवर्क को और बेहतर बनाना चाहते हैं, इथरनेट इसके लिए एक बढ़िया विकल्प है जो Reliable और Fast है। यह तकनीक घर और ऑफिस दोनों के लिए अच्छा है।
इथरनेट के इतिहास - History of Ethernet in Hindi
इथरनेट, को 1973 में Robert Metcalfe और उसकी Team द्वारा Xerox PARC में विकसित किया गया। इसका निर्माण Computers को एक Local Area Network (LAN) से जुड़ने के लिए किया गया था ताकि ये Data को Share कर सके।
Ethernet के पहले संस्करण में Data को 2.94 Mbps की गति से भेजने के लिए Coaxial cables का उपयोग किया गया। 1980, में Ethernet, मानक बन गया जब Metcalfe और Companies जैसे Intel और Xerox ने Ethernet 1.0 specification को पेश किया।
इसने Ethernet को Official technology बना दिया जिसका उपयोग कई लोग कंप्यूटर को Local area network (LAN) से जोड़ने के लिए कर सकते थे।
इसने Ethernet को Businesses और Homes के लिए एक Wired Network में Data share करने के लिए ज्यादा लोकप्रिय बनाने में मदद की।
समय के साथ, ईथरनेट की गति में सुधार हुआ, जो 1980 के दशक में 10 Mbps से शुरू होकर आज 100 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) हो गई है।
इथरनेट के प्रकार - Types of Ethernet in Hindi
इथरनेट के निम्न प्रकार है
1) Fast Ethernet:
यह पुराने नेटवर्क में सामान्य है परंतु अधिकांश को नए इथरनेट द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया है।
यह वास्तविक इथरनेट का एक Upgraded version है।
जो 100 Mbps (megabits per second) तक की Speed पेश करता है। यह Twisted-pair cables या Fiber optics का प्रयोग करता है।
2) Gigabit Ethernet:
इस प्रकार के इथरनेट 1 Gbps (gigabit per second) तक की Speed प्रदान करते हैं यह Fast Ethernet से 10 गुना तेज होता है।इसमें Twisted-pair cables (Cat5e or Cat6) या Fiber optics का प्रयोग किया जाता है। यह व्यापक रूप से आधुनिक नेटवर्क के लिए Homes और Offices क
में Use किया जाता है।
3)10 Gigabit Ethernet:
यह 10 Gbps तक Speed को Support करता है। यह Gigabit Ethernet से ज्यादा तेज है।इस प्रकार की Ethernet का मुख्य उपयोग Data Centers और बड़े संगठनों में होता है जहां पर बड़ी मात्रा में Data को जल्दी से Transfer करने की जरूरत होती है।
4) 100 Gigabit Ethernet:
इसे अत्यंत तेज Data transmission के लिए Design किया गया है, मुख्यत: इसका उपयोग बड़े पैमाने वाले नेटवर्क जैसे ISPs (Internet Service Providers) और बड़े Data Centers में होता है।
यह Fiber optics का उपयोग करता है तुरंत बड़ी मात्रा में Data को संभाल सकता है।
5) Ethernet over Power (EoP):
इस प्रकार का इथरनेट एक Building में Standard electrical wiring के माध्यम से Data को Transmit करने की अनुमति देता है।यह ऐसी नए स्थितियों के लिए उपयोगी है जहां पर Ethernet cables को Run करना कठिन है।
इथरनेट केबल् - Ethernet Cables in Hindi
Ethernet cable नेटवर्क केबल का एक प्रकार है जिसका प्रयोग Devices को एक Local area network (LAN) में जोड़ने के लिए किया जाता है। यह विभिन्न Devices जैसे Computers, Routers और Switches के बीच Data packets को भेजने और प्राप्त करने में मदद करते है।इथरनेट केबल, विभिन्न
Categories में उपलब्ध है जो उसकी गति और प्रदर्शन को निर्धारित करते हैं। ये Categories निम्न प्रकार से है।
1) Cat5 (Category 5)
2) Cat5e (Category 5e)
3) Cat6 (Category 6)
4) Cat6a (Category 6a)
5) Cat7 (Category 7)
6) Cat8 (Category 8)
Cat5 (Category 5):
1) Cat5 cables:
यह 100 Mbps तक गति को Suport करते हैं। यह Basic networking जरूर को पूरा करने के लिए अच्छा है।
वे 100 मीटर तक की दूरी तक कार्य करते हैं। तथापि यह पुरानी तकनीक है जो आजकल उपयोग नहीं किए जाते।
2) Cat5e (Category 5e):
Cat5e, Cat5 का संशोधित संस्करण है। यह 1Gbps तक गति को Suport करते हैं। यह Home और Office networks के लिए एक लोकप्रिय विकल्प है।3) Cat6 (Category 6):
Cat6 cables छोटी दूरी (55 मीटर) तक 10 Gbps तथा उससे ज्यादा गति को संभाल सकते हैं। इसमें बेहतर Insulation होते हैं, जो Signals को मजबूत बनाए रखते हैं।यह ऐसे क्रियाकलापों जैसे Online game खेलना और Video देखना, के लिए महत्वपूर्ण है जहां पर बहुत सारे Data का उपयोग किया जाता है।
4)Cat6a (Category 6a):
Cat6a cables, लंबी दूरी 100 meters तक 10 Gbps, Speed को Support करते है। वे Interference के विरुद्ध बेहतर सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये उच्च प्रदर्शन वाले नेटवर्क के लिए आदर्श है जैसे offices और Data centers5) Cat7 (Category 7):
Cat7 10 Gbps तक Speed प्रदान करते हैं। Interference को कम करने और 100 मीटर तक की दूरी तक काम करने के लिए उनके पास मजबूत Shielding है। ये Business में तेज Networks के लिए उपयुक्त है।6) Cat8 (Category 8):
Cat8 cables, नए प्रकार का केबल्स है। ये छोटी दूरी (30 meters) में 25-40 Gbps Speed को Support करते हैं।इसका उपयोग आमतौर पर Data centers में होता है जहां पर बहुत तेज Connection होते है।
इसे भी पढ़े 👇
Ethernet और Internet में अंतर
Ethernet network topology in Hindi
Ethernet network topology, Devices को व्यवस्थित करने का एक तरीका है। Ethernet network topology, के प्रकार निम्न है।1) Bus Topology:
यह सरल और सस्ता है लेकिन यदि Cable असफल हो जाए तो यह काम करना बंद कर देगा।
2) Star Topology:
इसमें सभी डिवाइसेज एक Central hub या Switch से जुड़े होते हैं। यह Setup बहुत सामान्य है।
इसमें यदि एक डिवाइस असफल हो जाए तो बाकी डिवाइसेज प्रभावित नहीं होती है। तब भी यदि Hub असफल हो जाए तो पूरा नेटवर्क डाउन हो जाता है।
3) Ring Topology:
प्रत्येक डिवाइसेज दो अन्य से जुड़कर एक Circle बनाता है। Data एक दिशा में Travel करता है।यह अच्छा Perform कर सकता है, परंतु यदि एक कनेक्शन असफल हो जाता है तो पूरा नेटवर्क बाधित हो सकता है।
4) Mesh Topology:
प्रत्येक डिवाइस हर दूसरे डिवाइस से Connect होता है। यह Data के लिए कई रास्ते प्रदान करता है जो इसे विश्वसनीय बनाता है परंतु यह जटिल और महंगा भी होता है।
5) Hybrid Topology:
यह दो विभिन्न टोपोलॉजी जैसे Star और Bus को मिलाता है। यह लचीला होता है तथा नेटवर्क की जरूरत के आधार पर यह बढ़ सकता है।इथरनेट का काम क्या है। Function of Ethernet in Hindi
Ethernet का निम्न काम क्या है।
1) Data Transfer:
इथरनेट एक Network पर Data packet को भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह कंप्यूटर और अन्य डिवाइसेज को एक दूसरे से बातचीत करने में मदद करता है।
2) Addressing:
एक इथरनेट नेटवर्क पर प्रत्येक डिवाइस का एक Unique address होता है। यह Address, MAC address कहलाता है। यह Address प्रत्येक डिवाइस को अलग से पहचानने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि Data सही स्थान पर पहुंचे।
3) Conflict Detection:
इथरनेट Data के बीच टकराव को रोकने के लिए एक Method का उपयोग करता है। यह Data भेजने की पहले यह जांच करता है कि क्या नेटवर्क व्यस्त है इसलिए दो डिवाइसेज एक समय में सूचना नहीं भेजते।
4) Easy to adjust:
इथरनेट विभिन्न प्रकार के Cables जैसे Twisted pair और Fiber optic के साथ कार्य कर सकते हैं।
यह विभिन्न प्रकार की Speeds को भी Support करता है, जो से विभिन्न जरूरतो को पूरा करने के लिए अनुकूल बनाता है।
5) Growth capacity:
आप एक इथरनेट नेटवर्क में ज्यादा कुछ बदलाव के बिना बहुत सारे डिवाइसेज जोड़ सकते हैं। जो उसे छोटे तथा बड़े नेटवर्क के लिए बेहतर बनाता है।
इथरनेट फ्रेम - Ethernet frame in Hindi
Ethernet frame, Data का एक Unit है जो Ethernet network पर Travel करता है।Ethernet frame के निम्न भाग होते हैं।
1) Preamble:
Ethernet frame की शुरुवात मे Bits की Series होती है जो Preamble कहलाती है। यह Network पर डिवाइसेज को एक दूसरे के साथ Synchronize करने में मदद करता है।
यह Preamble, Devices को यह Signal देकर Data प्राप्त करने के लिए तैयार होने में मदद करती है कि एक नया Frame, Start होने वाला है।
यह सुनिश्चित करता है कि प्राप्त करने वाला Device आने वाले Data को सही तरीके से पकड़ सके। डिवाइसेज के बीच सुचारू रूप से Data transmission होने के लिए यह प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
2) Destination MAC Address:
यह फ्रेम को प्राप्त करने वाले डिवाइस का Unique address है। यह सुनिश्चित करता है कि Data सही डिवाइस पर जाए।
3) Source MAC Address:
यह फ्रेम को भेजने वाले डिवाइस का Unique address है। यह प्राप्त करने वाले डिवाइस को यह बताता है कि Data कहां से आया है।
4)Type/Length:
यह फील्ड प्रदर्शित करता है की फ्रेम में किस प्रकार का Data है या भेजी जा रहे Data की length को सूचित करता है।
5) Data/Payload:
यह वास्तविक सूचना है जिसे भेजा जा रहा है। जैसे एक File या Message।
यह एक Standard Ethernet frame के लिए 1500 bytes तक हो सकता है।
6) Frame Check Sequence (FCS):
यह Errors की जांच करने के लिए उपयोग किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि भेजा गया फ्रेम क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है
इथरनेट कार्ड क्या है - Erhernet card in Hindi
एक इथरनेट कार्ड को नेटवर्क इंटरफेस कार्ड(NIC) के नाम से भी जाना जाता है, जो एक वायर्ड नेटवर्क में कंप्यूटर को जोड़ने के लिए मदद करता है।इसकी मुख्य विशेषताएं निम्न है
1) Function:
इंटरनेट कार्ड एक नेटवर्क पर कंप्यूटर और डिवाइसेज को आपस में बातचीत करने की देता है। यह Data भेजने और प्राप्त करने, इंटरनेट या अन्य डिवाइसेज से Connect होने की अनुमति देता है।
2) Design:
इंटरनेट कार्ड को कंप्यूटर में बनाया जा सकता है या अलग से एक कार्ड के रूप में जोड़ा जा सकता है। ईथरनेट केबल को प्लग करने के लिए उनके पास एक ईथरनेट पोर्ट होता है।
3) Speed:
यह कार्ड विभिन्न Speeds को सपोर्ट करते हैं। कई नए मॉडल के साथ 10/100 Mbps (Fast Ethernet) या 1 Gbps (Gigabit Ethernet) की Speed को Support करते हैं।
4) Use:
इथरनेट कार्ड विभिन्न डिवाइसेज जैसे Desktops और Laptops के साथ कार्य कर सकते हैं तथा विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ अनुकूल है।
5) Reliability:
आमतौर पर एक इथरनेट कार्ड के साथ एक Wired connection, Wi-Fi की अपेक्षा ज्यादा स्थिर और सुरक्षित है। यह उन गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके लिए मजबूत कनेक्शन की आवश्यकता होती है, जैसे Gaming या Streaming।
इथरनेट पोर्ट से आप क्या समझते हैं
इथरनेट पोर्ट कंप्यूटर और डिवाइसेज पर एक Connection point है जो आपको एक Wired network से Connect होने के अनुमति देता है।जब आप ईथरनेट केबल को Port में Plug करते हैं, तो यह आपके डिवाइस को लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) से Link करता है, जिससे आप इंटरनेट को Access कर सकते हैं तथा नेटवर्क पर अन्य Devices को Files Share कर सकते हैं।
इथरनेट पोर्ट, आधुनिक डिवाइस में विभिन्न Speeds जैसे 10 Mbps, 100 Mbps, या उससे ज्यादा को Support करते हैं। ईथरनेट पोर्ट का उपयोग करना अक्सर Wi-Fi की तुलना में अधिक विश्वसनीय होता है क्योंकि यह कम देरी और उच्च सुरक्षा प्रदान करता है।
इथरनेट कैसे कार्य करता है - How does ethernet work in Hindi
इथरनेट , डिवाइसेज को Cables का उपयोग करके एक नेटवर्क में जोड़ने के द्वारा कार्य करता है ताकि ये डिवाइस जल्दी और विश्वसनीय तरीके से Data को Share कर सके।नेटवर्क में प्रत्येक डिवाइस जैसे एक Computer या Printer के पास एक Unique MAC address वाला एक इथरनेट कार्ड होता है।
Data, को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है जो Packets कहलाते हैं। इन Packets को Ethernet cables के माध्यम से भेजा जाता है।
Packets एक Switch या Router तक जाते हैं, जो Destination MAC address को पढ़ता है और Data को सही डिवाइस पर भेजता है।
Ethernet यह सुनिश्चित करता है कि Data बिना किसी समस्या के सही डिवाइस पर पहुंचे। यदि कुछ गलत होता है तो Data को फिर से भेजने के लिए Request किया जाता है
Ethernet तेज और स्थिर कनेक्शन प्रदान करता है जो इसे होम और ऑफिस में विभिन्न कार्यों जैसे Gaming, Video streaming और File sharing के लिए उसे विश्वसनीय बनाता है।
इथरनेट के फायदे Advantages of Ethernet in Hindi
इथरनेट के निम्न फायदे है।
1) Ethernet Data को आधुनिक संस्करणों के साथ बड़ी जल्दी 100 Gbps Speed या उससे ज्यादा Speed से Transfer करता है।
2) Ethernet में स्थिर है और इसमें Wireless network की तुलना में कम रुकावटें हैं, जो इसे Data transfer के लिए भरोसेमंद बनाता है।
3)Ethernet technology का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है और यह Fiber optics जैसे विकल्पों से ज्यादा सस्ता है।
4) Ethernet cables और Devices को Setup करना सरल और त्वरित है। जो से घर और ऑफिसों के लिए उपयुक्त बनाता है।
5) Ethernet network में ज्यादा कुछ बदलाव के बिना आप इसमें ज्यादा Devices जोड़ सकते हैं
6) Ethernet विभिन्न प्रकार के डिवाइसेज जैसे कंप्यूटर या प्रिंटर के साथ अच्छे से Connect होता है।
7) Wired Ethernet connections, Wireless की अपेक्षा ज्यादा सुरक्षित है।
8) Ethernet विभिन्न जरुरत को पूरा करने के लिए Homes, Offices, और Data centers, में उपयोग किया जाता है।
इथरनेट के नुकसान - Disadvantages of Ethernet in Hindi
इथरनेट के निम्न नुकसान है।
1) इथरनेट, Cables का उपयोग करता है इसलिए Devices सीधे जुड़ा होना चाहिए। इसका मतलब है कि आप Wi-Fi के समान इधर-उधर स्वतंत्रता पूर्वक घूम नही सकते है।
2) Cables को Install करना कठिन हो सकता है। विशेष रूप से बड़ी इमारतों में जहां आपको दीवारों के माध्यम से तार बिछाने की आवश्यकता होती है।
3) बहुत सारी Cables उलझ सकती हैं जिससे सब कुछ को संगठित करना कठिन हो सकता है।
4) यदि Cables टूट जाता है तो पूरा Network down हो सकता है जब तक इसे ठीक न किया जाए।
5) Ethernet cables आमतौर 100 meters के भीतर पर अच्छे से कार्य करता है उससे परे Signal कमजोर हो जाता है।
6) शुरुआत में Ethernet network को Setup करना महंगा पड़ता है क्योंकि इसमें ज्यादा केबल्स और हार्डवेयर की जरूरत होती है।
7) Ethernet में Automatic security features नहीं है अतः आपको Data को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त पैमाने की जरूरत होती है।
8) Electrical devices, Ethernet cables को बाधित कर सकते हैं जिससे इसके प्रदर्शन में समस्या आती है।
9) इसके Network Setup को बदलना कठिन हो सकता है जबकि Wireless networks में यह सरल है।
0 टिप्पणियाँ