Communication mode क्या है और इसके प्रकार 

Communication mode क्या है 

Communication mode, का उपयोग दो या दो से अधिक Devices या लोगों के बीच सूचना भेजने और प्राप्त करने में किया जाता है। यह cummication के दौरान Data की दिशा तथा Data के प्रवाह को नियंत्रित करता है।

इसके अलग-अलग mode यह निर्धारित करते हैं कि Data एक दिशा, दोनों दिशा या एक ही समय में दोनों दिशाओं में प्रवाहित होता है।

Communication modes का प्रयोग विभिन्न technology, जैसे computer networks और devices, में सूचना कैसे move करता है और कितनी तेजी से अपने गंतव्य तक पहुंचता है यह control करने के लिए होता है।

Mode of communication meaning in hindi - communication mode के अर्थ  

Communication mode का मतलब वह तरीका या विधि है जिसका प्रयोग लोगों या devices के बीच सुचना भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

यह दिखाता है कि Data कैसे बहता है जैसे एक दिशा, दोनों दिशा, बारी-बारी से या एक समय में दोनों दिशाओं में।

प्रत्येक mode यह निर्णय लेने में मदद करता है कि कैसे message या Data को senders और receivers के बीच कितनी तेजी से और सुचारू रूप से भेजा जा सकता है।

Types of Communication Mode in Hindi - Communication Mode के प्रकार 

Communication mode निम्न प्रकार के होते हैं।

Simplex - mode 

Simplex communication एक one-way communication mode है जहां पर सूचना एक ही दिशा में बहता है। इस mode में एक device या person सूचना भेजता है और अन्य केवल उसे प्राप्त करता है।

Receiver कोई भी सूचना को वापस Sender को भेज नही सकता। Simplex - mode का उपयोग अक्सर ऐसे सिस्टम में होता है जहां पर feedback की जरूरत नहीं होती है।

उदाहरण के लिए एक TV broadcast simplex mode, में कार्य करता है क्योंकि Broadcast station, TVs को signal भेजता है। परंतु TVs कोई भी signal वापस नहीं सकता है ।

इस प्रकार एक keyboard इसका दूसरा उदाहरण है यह कंप्यूटर को सूचना भेजता है परंतु कंप्यूटर keyboard को वापस सूचना नहीं भेजता है।

Simplex mode ऐसी परिस्थितियों में उपयोगी है जहां सूचना को बिना reply के जरूरत की एक दिशा में बहने की जरूरत है। यह Data को लगातार बहने के लिए सरल तथा प्रभावशाली बनाता है जैसे broadcast। 

Advantages of Simplex communication in Hindi 

Simplex communication के निम्न फायदे है 
1) इसे set up करना तथा समझना सरल है।

2) इसकी लागत कम है क्योंकि यह एक ही दिशा में Data भेजता है।

3) यदि कुछ समस्या होने पर इसे manage तथा fix करना सरल है।

4) एक दिशा में Data भेजकर, load को कम करता है।

5) यह बिना reply के जरुरत की message भेजने के लिए अच्छा है 

6) यह ऐसे devices के लिए अच्छे से कार्य करता है जो केवल भेजते या प्राप्त करते हैं जैसे एक keyboard

7) यह कम energy का use करता है क्योंकि यह केवल एक दिशा में जाता है जैसे keywords

Disadvantages of Simplex communication mode in Hindi

Simplex communication mode के निम्न नुकसान है
1) केवल एक दिशा में Data भेजता है जहा कोई reply संभव नहीं है।

2) conversations या feedback के लिए उपयोगी नहीं है।

3) सीमित उपयोग है। दोनों दिशाओं में होने वाले कार्यों को संभाल नहीं पाते।

4) यदि कोई समस्या आती है तो यह उसे तुरंत  ठीक नहीं कर सकता है

5) जब कोई reply महत्वपूर्ण हो तो धीमा महसूस होता है।

6) यह जानना कठिन है कि Data प्राप्त हुआ या नहीं।

7) आज की जरूरत के लिए जहां ज्यादा इंटरेक्शन की आवश्यकता होती है आदर्श नहीं है।


Half-Duplex  



Half-duplex एक ऐसा communication mode है जहां Data दोनों दिशाओं में प्रवाह कर सकता है लेकिन एक समय में एक ही दिशा मे Data भेजा तथा प्राप्त किया जा सकता है।

Half-duplex, में एक device या person जानकारी भेजता है, जबकि दूसरा जवाब देने का इंतजार करता है और बारी-बारी से communicate करता है।

Half-duplex communication का एक उदाहरण एक walkie-talkie है। जब एक व्यक्ति बोलता है तब दूसरे को जवाब देने से पहले इन्तजार करना पड़ता है। यह दोनों को एक ही समय में बात करने से रोकता है जिससे confusion नही होता हैै।

Half-duplex उस समय उपयोगी है जब real-time, two-way communication की जरूरत नहीं है। हालाकि यह Full-duplex से धीमा है, लेकिन कुछ स्थितियों जैसे radio communication और कुछ network systems के लिए यह सरल तथा कुशल है।

Advantage of Half duplex in Hindi

Half duplex के निम्न फायदे हैं
1) यह एक समय में दोनों दिशाओं में communication की अनुमति देता है।

2) Full-duplex system की अपेक्षा इसे manage करना सरल है।

3) Full-duplex systems, communication की तुलना में अधिक किफायती है।

4) Data टकराव को कम करता है क्योंकि एक समय में एक ही दिशा में communicate की जाती है।

5) यह केवल बारी-बारी से Data भेजता है जिससे बिजली की बचत होती है।

6) यह ऐसे system के लिए अच्छा है जहां पर स्थिर रूप से Data प्रवाह की जरूरत नहीं होती।

7) feedback प्रदान करता है ताकि आप यह जान पाए की message प्राप्त हुआ है या नहीं।

Disadvantages of Half-duplex in Hindi

Half-duplex के निम्न नुकसान है
1) एक समय में केवल एक दिशा में communicate होता है।

2) Full-duplex की अपेक्षा धीमा है क्योंकि यह बारी बारी से Data भेजता है।

3) जहां तेजी से Data की जरूरत है उसके लिए यह अच्छा नहीं है।

4) Data में टकराव हो सकता है यदि timing सही नहीं है तो।

5) तेज गति के एप्लीकेशन जैसे video call के लिए यह उपयुक्त नहीं है।

6) Real-time communication के लिए कम उपयोगी है।

Full-Duplex


Full-duplex, communication का एक तरीका जहां Data एक समय में दोनों दिशाओं में प्रवाह करता है। 
इसका मतलब है कि दो लोग एक समय में एक दूसरे के साथ बातचीत कर सकते हैं और सुन सकते हैं। जैसे बिलकुल एक Phone call की तरह।

यह communication को तेज और सुचारू बनता है। Full-duplex  technology जैसे Ethernet और fiber optics में अक्सर use होता है। 

इसके विपरीत Half- duplex, Data को एक समय में केवल एक ही दिशा में जाने की अनुमति देता है, इसलिए एक व्यक्ति को बात करने के लिए तब तक इंतजार करना पड़ता है जब तक कि दूसरा व्यक्ति बात खत्म नहीं कर देता।

Advantage of Full-Duplex in Hindi

Full-Duplex के निम्न फायदे हैं।
1) दोनों side को  एक समय में communication की अनुमति देता है।

2) दोनों दिशाओं में Data भेजने के द्वारा communication की speed को बढ़ाता है।

3) Real-time conversations जैसे phone calls के लिए बेहतर है।

4) communication में होने वाली देरी को कम करता है क्योंकि wait करने की जरूरत नहीं होती है।

5) communication को सुचारू तथा ज्यादा प्राकृतिक बनाता है।

6) आधुनिक एप्लीकेशन जिसे दोनों देशों में तेजी से Data प्रवाह की जरूरत होती है के लिए उपयोगी है।

Disadvantages of Full-Duplex in Hindi

Full-Duplex के निम्न नुकसान है।
1) इसे set up तथा manage करना जटिल है।
 
2) simplex या half-duplex से ज्यादा महंगा है।

3) एक समय में दोनों दिशाओं में काम करने के लिए ज्यादा power की आवश्यकता होती है

4) दोनों दिशाओं को संभालने के लिए बेहतर उपकरणों की जरूरत होती है।

5) यदि नेटवर्क व्यस्त है तो यह धीमा हो सकता है।

6) अगर समस्याएं आती है तो उसे ठीक करना कठिन है।