Network Protocol क्या है और उसके प्रकार 

Network protocol क्या है

Network Protocol नियमों का एक set है जिसका उपयोग एक device, नेटवर्क में अन्य devices के साथ communicate करने के लिए करते हैं।
यह कंप्यूटर , फोन या अन्य डिवाइस के बीच Data कैसे भेजा, प्राप्त और समझा जाता है इसे नियंत्रित करता है।

बिना प्रोटोकॉल के डिवाइस यह नहीं जान पाएगा की सूचनाओं का आदान-प्रदान कैसे करना है या कैसे सही ढंग से connect होना है। 
ये Protocols सुनिश्चित करते है कि भले ही डिवाइस विभिन्न कंपनियों द्वारा बनाया गया है लेकिन वे आपस में प्रभावी ढंग से और सुरक्षित रूप से communicate करें।

वे यह तय करते हैं कि Data को कितनी तेजी से भेजा जाना चाहिए, गलतियों की जांच कैसे करें तथा कैसे यह सुनिश्चित करें कि Message पूर्ण है। 
यह सुनिश्चित करता है की सूचना बिना किसी समस्या के वहां पहुंच चुका है जहां उसे जाने की जरूरत है।

Protocols, communication को सुरक्षित विश्वसनीय और कुशल भी बनाता है। उदाहरण के लिए जब आप एक message भेजते हैं तब प्रोटोकॉल यह सुनिश्चित करता है कि message सही डिवाइस के पास पहुंचे।


सरल शब्दों में कहे तो एक Protocol Data के लिए traffic rules के समान है। यह सूचना के प्रभाव को सुचारू रूप से manage करने में मदद करता है बिल्कुल उसी तरह से जिस प्रकार traffic signals सड़क पर कारों के प्रवाह को नियंत्रित करता है।
बिना Protocols के इंटरनेट या नेटवर्क अच्छे से कार्य नहीं करेगा।

Types of Network Protocol in Hindi - Internet Protocol के प्रकार 


Network Protocol  के निम्न प्रकार है।

Communication Protocols
Transmission Control 


Communication protocols, नियमों के Set है जो डिवाइसेज के बीच Data कैसे भेजा प्राप्त किया जाए उसे नियंत्रित करते हैं। यह सुनिश्चित करते हैं कि संवाद, सुचारू विश्वसनीय, और गलतियों से मुक्त हो।

Protocols, Data का format, Data को कैसे भेजा जाता है (wired या wireless), गलतियों का पता कैसे लगाया जाता है और उसे कैसे ठीक किया जाता है आदि तय करते हैं। 
Data कैसे प्रवाह करता है तथा डिवाइसेज कैसे पहचाने जाते हैं आदि को भी ये Protocols manage करते है।

Communication Protocols के अंतर्गत निम्न Protocols आते है

Transmission Control Protocol (TCP)

यह Internet का मुख्य प्रोटोकॉल है जो सुनिश्चित करता है कि computers के बीच Data सही ढंग से भेजा और प्राप्त किया गया है। जब Data को भेजा जाता है तब TCP इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है जो packets कहलाते हैं।

प्रत्येक packet स्वतंत्र रूप से अपने गंतव्य तक जाता है। जब सभी packets पहुंच जाते हैं, तब TCP उन्हें सही क्रम में वापस एक साथ रख देता है।
यदि यात्रा के दौरान कोई पैकेट खो जाता है, TCP जानता है और उन्हें दोबारा भेजने के लिए कहता है।

TCP, यह भी नियंत्रित करता है कि एक समय में कितना Data भेजा जा रहा है, ताकि प्राप्त करने वाले कंप्यूटर पर भार न हो यही कारण है कि TCP, web browsing, email और file transfer जैसी चीजों के लिए अच्छा है।

TCP/IP को और अधिक जानने के लिए क्लिक करें 

User Datagram Protocol (UDP)

User Datagram Protocol (UDP), एक communication protocol है जिसका उपयोग इंटरनेट में Data भेजने के लिए किया जाता है।

TCP, से अलग UDP यह check नहीं करता कि Data सही ढंग से या सही क्रम में पहुंचा है कि नहीं। यह packets को जो datagrams कहलाता है जल्दी से और बिना अतिरिक्त प्रक्रिया के भेज देता है।

यह UDP तेज है, परंतु यह कम विश्वसनीय है। यह उन चीजों जैसे video streaming, online games, और voice calls के लिए उपयोगी है, जहां पर Data के प्रत्येक टुकड़े को प्राप्त करने की अपेक्षा, speed ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

इन मामलों में Data के कुछ packets खो जाने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
UDP, Data भेजने के पहले कोई connection नहीं बनाता जिसके कारण यह तेज होता है। यह गलतियों या Data के खो जाने की जांच नहीं करता इसलिए यह TCP के सामान सुरक्षित नहीं है।


Hypertext Transfer Protocol (HTTP)

HTTP का पूरा नाम HyperText Transfer Protocol है। इसकी मदद से computers, Internet पर communicate कर पाते है।

जब आप एक वेबसाइट को visit करते हैं तब आपका ब्राउज़र, सर्वर को जिसके पास वह website रहता है, एक HTTP request भेजता है।
तब सर्वर HTTP का उपयोग करके web page को आपके ब्राउज़र पर भेजता है। 

HTTP एक request-response model की तरह कार्य करता है। ब्राउज़र सूचना के लिए कहता है और सर्वर उसे देता है।
Secure connections के लिए HTTPS(HTTP Secure) का उपयोग किया जाता है जो Data को सुरक्षित रखता है। कुल मिलाकर Internet browse करने तथा Website को access करने के लिए HTTPS महत्वपूर्ण है।
 

Simple Mail Transfer Protocol (SMTP)

Simple Mail Transfer Protocol (SMTP) एक system जिसका प्रयोग इंटरनेट में ईमेल भेजने के लिए किया जाता है। जब आप email भेजते हैं तब अपके email app, जैसे Gmail या Outlook, आपके message को recipient के mail server में deliver करने के लिए SMTP का उपयोग करते हैं।

SMTP, emails message को छोटे भागों में तोड़ता है और उन्हे Receiver के mail server में भेजता है। SMTP यह जाँच करता है कि Receiver का mail server, Emaill प्राप्त करने के लिए तैयार है या नहीं। 

यदि सर्वर काम नहीं कर रहा है, तो SMTP फिर से ईमेल भेजने का प्रयास करता रहेगा। यह तब तक ऐसा करता रहेगा जब तक email भेजा न जाए या प्रयास करते करते विफल न हो जाए।

Email protocols क्या है? जानने के लिए क्लिक करें 

Border Gateway Protocol(BGP)

Border Gateway Protocol (BGP) का उपयोग इंटरनेट पर विभिन्न नेटवर्कों के बीच routing information को share करने के लिए किया जाता है। यह Data को एक स्थान से दूसरे स्थान पर travel करने के लिए सबसे अच्छा रास्ता ढूंढने में मदद करता है।

BGP रास्तों का track रखता है। ताकि Data नेटवर्क बदलते ही इन जानकारी को प्राप्त कर सकता है और उसे update कर सकता है।

यह Data को गोल-गोल घूमने और खो जाने से रोकता है। BGP इंटरनेट को सुचारू तथा कुशलतापूर्वक रूप से बनाए रखता है। यह Data को विभिन्न नेटवर्कों में कैसे भेजा जाता है उसे manage करने में मदद करता है

Address Resolution Protocol(ARP)

Address Resolution Protocol (ARP) का उपयोग computer networks में किसी डिवाइस का IP address देकर उसके physical address (MAC address) ढूंढने में मदद करता है। 

ARP, local network के अंदर काम करता है और IP addresses को Mac address पर Map करके Devices को communicate करने में मदद करता है।

जब एक device अन्य device को उसी नेटवर्क पर Data भेजना चाहता है तब Data भेजने वाला device एक ARP request भेजता है इस request में यह पूछा जाता है, कि यह IP address किसके पास है।

तब वह 
device जिसका IP address match होता है वह device अपने MAC address के साथ reply करता है। इस प्रकार Data सही device के पास जाता है।

IP Address के बारे मे जानने के लिए क्लिक करें 

Internet Protocol (IP)

IP (Internet Protocol) एक system है जो devices को network या internet पर Data भेजने और प्राप्त करने में मदद करता है।

प्रत्येक device  के पास एक IP address, होता है जो एक home address के समान कार्य करता है।
यह address दिखाता है कि Data को कहां जाने की जरूरत है।

जब आप एक website visit करते हैं या online message करते हैं। IP यह सुनिश्चित करता है कि Data सही डिवाइस पर पहुंचे। बिना IP, के devices यह जान नहीं पाएगा कि इंटरनेट में अन्य devices से कैसे बातचीत करना है।

File Transfer Protocol (FTP)  

File Transfer Protocol (FTP) का उपयोग इंटरनेट पर computers के बीच files transfer करने का एक तरीका है। यह लोगों को एक remote server पर files upload, download, और organize करने की अनुमति देता है।

उदाहरण के लिए कोई FTP का उपयोग एक website की files को अपने कंप्यूटर से वेब सर्वर पर upload करने के लिए कर सकता है।

चुकि FTP encryption का उपयोग नहीं करता इसलिए यह ज्यादा सुरक्षित नहीं है अतः लोग अक्सर इससे ज्यादा सुरक्षित विकल्प जैसे SFTP का उपयोग करते हैं।

FTP की विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करे 

Post Office Protocol (POP3)  

Post Office Protocol version 3 (POP3), email client के लिए email server से mail प्राप्त करने का एक तरीका प्रदान करता है।

जब आप अपने email को POP3 के साथ check करते हैं तब आमतौर पर emails आपके device पर download किया जाता है तथा server से हटाया जाता है। इसका मतलब है कि आप अपने emails को offline पढ़ सकते हैं क्योंकि वे आपकी device पर सुरक्षित है।

POP3 सबसे अच्छा कार्य करता है यदि आप केवल एक device पर email, check करते है, चूँकि प्रत्येक Device email की अपनी copy अलग से download करता है। 

परंतु यदि आपका कई Devices में email check करते हैं तब POP3 का उपयोग करना बेहतर नहीं होता।

Internet Message Access Protocol (IMAP)  

Internet Message Access Protocol (IMAP) का प्रयोग Email client द्वारा mail server में संग्रहित emails को Access करने के लिए किया जाता है।

POP3, से अलग जो एक device पर emails को download करता है IMAP आपको अपने emails को कई Devices जैसे phone, tablet, और computer पर देखने और उसे mange करने की अनुमति देता है।

अतः IMAP उन लोगों के लिए अच्छा है जो एक से अधिक device पर email को check करते हैं। अधिकांश email services, जैसे Gmail और Outlook, IMAP का उपयोग आपकी emails को सभी जगह update करने के लिए करते हैं।

Voice over IP (VoIP)

Voice over IP (VoIP), नियमित phone line के बदले इंटरनेट का उपयोग करके phone call करने का एक तरीका है।

यह आपकी आवाज को digital data में बदलता है, इसे इंटरनेट पर भेजता है 
तथा आप जिस व्यक्ति को call कर रहे हैं उसके लिए इसे वापस ध्वनि में बदल देता है।
 
VoIP लोकप्रिय है क्योंकि यह सामान्य Phone calls की अपेक्षा सस्ता है और आप इसे इंटरनेट के साथ कहीं भी उपयोग कर सकते हैं।
Apps जैसे Skype, Zoom, और WhatsApp, Calling के लिए VoIP का उपयोग करते है।

आप VoIP का उपयोग computers, smartphones, या विशिष्ट VoIP phones पर कर सकते हैं। यह लोगों से बात करना सरल और सस्ता बनाता है।

Management Protocols

Management protocols, rules हैं जो एक Network पर devices को check करने और manage करने में मदद करता है।

ये Network managers, को devices कैसे काम कर रहे हैं उसे देखने और किसी भी समस्या को ठीक करने की अनुमति देता है।

ये protocols नेटवर्क को अच्छे से run होने के लिए और सब कुछ सही ढंग से कार्य करें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है।


Dynamic Host Configuration Protocol (DHCP)

Dynamic Host Configuration Protocol (DHCP) एक system है जो एक नेटवर्क पर devices को स्वचालित रूप से IP addresses देता है।

जब एक device, जैसे एक computer या smartphone, जो network से connect होते हैं, DHCP server को एक request भेजते है। तब DHCP server, उपलब्ध IP address और अन्य महत्वपूर्ण settings को उन devices को वापस भेजता है।

DHCP, नेटवर्क को manage करना आसान बनाता है क्योंकि यह स्वचालित ढंग से IP addresses, assign करता है जिससे हमे manually IP addresses, assign करने की जरुरत नही होती है।

यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक device एक Unique IP address प्राप्त करें। DHCP server उन IP addresses को वापस भी ले सकता है जिनका उपयोग अब नहीं किया जाता है।

Simple Network Management Protocol (SNMP)

Simple Network Management Protocol (SNMP) एक ऐसा system है जिसका उपयोग एक नेटवर्क पर devices को check तथा manage करने के लिए किया जाता है। 

यह Network managers को यह देखने में मदद करता है कि devices जैसे routers और switches कैसे कार्य कर रहे हैं।

SNMP के मुख्य दो भाग है Manager और Agents।
Manager एक मुख्य कंप्यूटर है जो सूचना के लिए पूछता है जबकि Agents, devices पर होते हैं और Data वापस भेजते हैं।

SNMP, devices के बारे में सूचना जैसे devices कितने अच्छे से कार्य कर रहे हैं, कितने व्यस्त है और वे कितना Data उपयोग कर रहे हैं, को इकट्ठा करते हैं।
किसी प्रकार की समस्या होने पर यह Alrt भी भेज सकते है। 

इससे नेटवर्क को अच्छी तरह से चालू रखना और समस्याओं को शीघ्रता से ठीक करना आसान हो जाता है। SNMP का उपयोग छोटे और बड़े दोनों नेटवर्कों में होता है।


Internet Control Message Protocol (ICMP)

Internet Control Message Protocol (ICMP) एक protocol है जिसका नेटवर्क समस्याओं के बारे में message भेजने के लिए किया जाता है।

उदाहरण के लिए यदि एक device दूसरे device के पास नही पहुंच पाता तब यह ICMP का उपयोग sender को वापस एक message भेजने के लिए करता है और उन्हें बताता है कि कोई समस्या है। 

ICMP का उपयोग करने का सामान्य तरीका "ping" command है।
यह command, जाँचता है कि क्या किसी अन्य device तक पहुँचा जा सकता है और बताता है कि प्रतिक्रिया देने में कितना समय लगेगा।

ICMP, समस्याओं को ठीक करने में महत्वपूर्ण है तथा यह सुनिश्चित करता है कि नेटवर्क पर Data सुचारू रूप से move हो सके।

Domain Name System (DNS)

Domain Name System (DNS) works एक Internet phonebook की तरह कार्य करता है। यह website names जैसे www.example.com को उनके IP addresses जैसे 192.0.2.1 में बदल देता है जिसका उपयोग कंप्यूटर एक दूसरे को ढूंढने के लिए करते हैं।

जब आप एक website का नाम type करते हैं तब, DNS जल्दी से सही IP address को ढूंढता है ताकि आपका ब्राउज़र उस website को दिखा सके। यह आपको बड़े संख्याओं को याद करने के बजाय सरल नामों को Use करने की अनुमति देता है।

बिना DNS, के websites को ढूंढना अत्यधिक कठिन है इसके लिए हमको प्रत्येक site का IP address याद करने की जरूरत है जिसे करना कोई साधारण कार्य नहीं है।
 

Security Protocols

Security protocols, ऐसे protocol है, जो Data को जब वह नेटवर्क में travel करता है तब उसे सुरक्षित बनाए रखना है। वे सूचनाओं को unauthorized people द्वारा देखे जाने या बदले जाने से बचाता है।

Security protocols का उपयोग करके संगठन अपने महत्वपूर्ण Data को सुरक्षित रखता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि उनका communication सुरक्षित है।

Transport Layer Security (TLS)

Transport Layer Security (TLS) एक protocol है जो Data को जब उसे इंटरनेट पर भेजा जाता है सुरक्षित रखता है। यह सुनिश्चित करता है कि ब्राउज़र और सर्वर के बीच Data का sharing Private रहे और उसे अन्य लोगों द्वारा न देखा जा सके।

TLS का उपयोग करके आप यह आप भरोसा कर सकते हैं कि आपकी संवेदनशील जानकारी, जैसे पासवर्ड और Credit card numbers, online सुरक्षित हैं।

Secure Shell (SSH)

Secure Shell (SSH) आपको अपने कंप्यूटर को नेटवर्क से सुरक्षित रूप से connect होने और उसे control करने की अनुमति देता है।

यह आपके Data को encrypt करने के द्वारा सुरक्षित रखता है जिससे hackers के लिए आपके Data को पढ़ना और चोरी करना कठिन हो जाता है।

SSH को अक्सर System administrators द्वारा एक दूरी से servers को manage करने, files को transfer करने तथा commands को run करने के लिए किया जाता है।

यह पुराने protocol जैसे Telnet से ज्यादा बेहतर है, क्योंकि Telnet सुरक्षित नही है। SSH, का उपयोग करके आप अपने connection के private रख सकते है। तथा संवेदनशील जानकारी जैसे passwords को लोगों से सुरक्षित रख सकते है।

Secure Socket Layer(SSL)

Secure Socket Layer (SSL) भी SSH के समान Data को सुरक्षित रखता है जब इसे Internet पर भेजा जाता है। यह एक web server और web browser के बीच secure connection का निर्माण करता है।

यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी सूचना जैसे passwords या credit card numbers जब share किया जाता है तब उसे अन्य लोगों के द्वारा देखे जाने से रोकने के लिए encrypt और protect किया जाता है।

जब आप एक web address में "HTTPS" देखते हैं इसका मतलब है कि आपके connection को सुरक्षित करने के लिए SSL का उपयोग किया जा रहा है। 

यद्यपि ज्यादातर SSL, Transport Layer Security (TLS) द्वारा प्रतिस्थापित किया जा चुका है, ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में बात करते समय अभी भी इसका अक्सर उल्लेख किया जाता है।

हमें प्रोटोकॉल की आवश्यकता क्यों है?

computer networks में communication के लिए प्रोटोकॉल महत्वपूर्ण है क्योंकि वे devices द्वारा जानकारी share करने के तरीके के लिए नियम निर्धारित करते हैं। 

बिना protocols, के devices एक दूसरे को नहीं समझ सकते जिससे गलतियां होगी। यह सुनिश्चित करते हैं कि Data सही और सुरक्षित तरीके से भेजा तथा प्राप्त किया गया है।

Protocols, Data, कैसे संगठित भेजा और प्राप्त किया जाता है उसे नियंत्रित करते हैं।उदाहरण के लिए यह व्याख्या करते हैं कि emails कैसे भेजा जाता है, Website कैसे Access किया जाता और files कैसे share की जाती है।
यह गलतियों को ठीक करते हैं और connection को स्थिर बनाए रखते हैं।