Data Encryption क्या है? प्रकार, उद्देश्य, फायदे और नुकसान

Data  Encryption in Hindi - डाटा एनक्रिप्शन क्या है 

Data encryption का मतलब सूचना को एक secret code में बदलना है ताकि जिसके पास उसका correct key  है वही उस सूचना को पढ़ सकें।

Networks और Internet पर data को सुरक्षित रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
Data को encrypt करने के लिए एक विशेष formula (algorithm) और एक key का प्रयोग किया जाता है।

जब आप online कार्यों जैसे emails भेजना, payment करना या private files को share करना जैसे चीजों को करते हैं तब Encryption, आपके data को सुरक्षित रखता है।

Encryption के सामान्य प्रकार में SSL/TLS और VPNs है। SSL/TLS  वेबसाइट को सुरक्षित रखता है और VPNs इंटरनेट कनेक्शन को सुरक्षित रखता है।

यह Hackers को data के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते समय चोरी करने या बदलने  से रोकता है। Encryption personal, business, और financial data को निजी और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करता है।

Data Encryption meaning in Hindi

Data Encryption का मतलब नियमित सूचना को एक secret code में बदलने की विधि है ताकि केवल वे लोग जिसके पास Right key (🔐)है, सूचना को पढ़ सकें है।

इस process में एक विशेष rules (algorithms)और keys का उपयोग किया जाता है। जिसके पास यह Key नहीं है वह data को बिल्कुल समझ नहीं सकता।
 
Encryption, ऑनलाइन गतिविधियाँ के दौरान संवेदनशील data जैसे emails भेजना, Payment बनाना आदि को सुरक्षित रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

Encryption and Decryption in Hindi

Data encryption

Encryption 

Encryption एक ऐसा process है जिसमे पढ़ने योग्य data (Original text), जैसे messages या files, को एक विशेष key का Use करके Coded format में बदला जाता है। इस Coded format data को Cipher text कहते हैं। जैसे ऊपर image में दिखाया गया है।

Cipher text, में characters और numbers अव्यस्थित और mix रहते है जिसे केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जिसके पास सही decryption key होता है , क्योंकि यह decryption key Cipher text को पुनः पढ़ने योग्य text (Original text) मे बदल देता है।

Decryption:

Decryption, encryption के विपरीत कार्य करता है। यह secret code (Cipher text) को लेता है और एक key का उपयोग करके उसे वापस Original text (plain text) में बदल देता है।

Authorized users जिसके पास इसका सही key है केवल वही data को decrypt कर सकता है तथा उसे पढ़ सकता है।
 
यह process महत्वपूर्ण है जो यह सुनिश्चित करता है कि संवेदनशील सूचना निजी और सुरक्षित रहे। encryption और decryption एक साथ सूचना को खतरों से सुरक्षित रखने में मदद करता है।
 

Types of Data Encryption in Hindi - एनक्रिप्शन के प्रकार 

ये निम्न प्रकार के होते है।
1) Symmetric Encryption  
2) Asymmetric Encryption  

Symmetric Encryption  

Symmetric encryption एक method है जो data को encrypt और decrypt करने के लिए एक ही key का उपयोग करता है। 

इसका मतलब यह है कि सूचना भेजने वाले व्यक्ति और इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति को messages को पढ़ने के लिए एक ही secret key का उपयोग करना होता है।

इस प्रक्रिया में Plain text(Original text ) को Algorithm और Secret key का उपयोग करके coded text  जिसे Cipher text कहते है, में बदला जाता है।

Symmetric encryption, आमतौर पर तेज से कार्य करता है, जिससे यह बड़ी मात्रा में Data को सुरक्षित करने के लिए अच्छा है।

हालाँकि, इस Encryption में keys को सुरक्षित रखना सबसे बड़ी समस्या है। यदि कोई इसकी key को प्राप्त कर लेता है तो वह सारी सूचना को पढ़ सकता है।

सामान्य Symmetric encryption methods में Advanced Encryption Standard (AES) और Data Encryption Standard (DES) शामिल है।

अक्सर इस प्रकार के encryption का उपयोग file storage, virtual private networks (VPNs), और online communications, को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।

Asymmetric Encryption 

Asymmetric encryption वह  विधि है जिसमें दो Keys का उपयोग किया जाता है एक public key तथा एक private key

public key को सभी के साथ share किया जाता है जिसका प्रयोग data को encrypt (code) करने के लिए किया जाता है। private key को गुप्त रखा जाता है और इसका प्रयोग data को decrypt (decode) करने के लिए किया जाता है।

इसका मतलब है कि कोई भी public key का उपयोग करके सुरक्षित message भेज सकता है। लेकिन वह व्यक्ति जिसके पास private key रहता है केवल वही उस message को पढ़ सकता है।

यह method security में सुधार लाता है भले ही यदि कोई public key प्राप्त भी कर ले लेकिन वह उस message को बिना private key के पढ़ नहीं सकता है।

Asymmetric encryption का आमतौर पर उपयोग इंटरनेट पर  सुरक्षित communication जैसे emails और online shopping में होता है।

Asymmetric encryption के प्रसिद्ध प्रकार में RSA and ECC (Elliptic Curve Cryptography) शामिल है। यह method संवेदनशील सूचनाओं को सुरक्षित रखने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि online interactions सुरक्षित और निजी रहे।

डाटा एनक्रिप्शन का उद्देश्य 

डाटा एनक्रिप्शन के निम्न उद्देश्य है 
1) personal, financial, और private data को सुरक्षित बनाए रखना

2) अनधिकृत परिवर्तन या डेटा के साथ छेड़छाड़ को रोकना।

3) केवल Authorized लोगो को access देना 

4) money transactions और online payments को सुरक्षित रखना।

5) जब data को networks या internet में भेजा जाता है तब उसे सुरक्षित बनाए रखना।

6) devices, servers, या cloud storage में सहेजे गए Data को सुरक्षित रखना 

7) यह सुनिश्चित करना कि data सही स्रोत से आ रहा है। 

Advantages of Data Encryption in Hindi 

Data Encryption के निम्न लाभ है
1) Encryption संवेदनशील सूचना को Unauthorized access से सुरक्षित रहता है इससे hackers के लिए data को पढ़ना और उपयोग करना कठिन हो जाता है।
 
2) यह सुनिश्चित करता है कि केवल अनुमति प्राप्त उपयोगकर्ता private data को देख सकते हैं, जिससे व्यक्तिगत तथा business संबंधित सूचना को निजी रखने में मदद मिलती है।

3) जब  data को नेटवर्क पर भेजा जाता है encryption अनधिकृत उपयोगकर्ताओं द्वारा data को लिए जाने से सुरक्षित करता है।

4) भले ही hackers encrypt किए गए data(cipher text) को प्राप्त कर लेता है परंतु बिना key के वह उसे पढ़ नहीं सकता।

5) Encryption, अनधिकृत access को रोकते हुए संगठनों को यह नियंत्रित करने की अनुमति देता है कि विशिष्ट data को कौन access कर सकता है। 

6) जब users जानता है कि उनका data, encrypt किया गया है तब वे संगठनो पर अपने निजी जानकारी के लिए ज्यादा विश्वास करते हैं।

Disadvantages of Data Encryption in Hindi 

Data Encryption के निम्न नुकसान है 
1) Data encryption, system को धीमा बना देता है क्योंकि यह data को code में बदलने तथा पुन: code को data में बदलने के लिए अतिरिक्त समय और पावर लेता है।

2) यदि keys खो जाता है या उसे सही ढंग से संभाल नहीं पाते तब encrypted data को access करना कठिन या असंभव हो सकता है।

3) Encryption की प्रक्रिया system को ज्यादा जटिल बना देता है जिससे संगठनों को इसे setup करना और maintain करना कठिन हो जाता है।
 
4) यदि encryption keys खो जाए तब डाटा के हमेशा के लिए खो जाने का जोखिम रहता है क्योंकि आप बिना key के encrypted सूचना को access नहीं कर सकते।

5) Encrypted data अन्य सिस्टम या सॉफ्टवेयर जो encryption को support नहीं करते के साथ अच्छे से कार्य नहीं करता है।

6) Encryption को setup करना महंगा हो सकता है।

7) यदि Encryption को सही ढंग से नहीं किया जाए तो संवेदनशील सूचना के दुरुपयोग होने की संभावना रहती है।