DDoS attack in hindi
DDoS (Distributed Denial of Service) उस समय होता है जब कई computers या devices का प्रयोग बहुत सारे traffic को एक website या Server पर भेजने के लिए किया जाता है। यह system को overloads कर देता है जिससे यह धीमा या crash हो जाता है, अतः users इसे access नहीं कर सकतें है।Attacker, एक संक्रमित Devices की समूह का उपयोग करता है जो botnet कहलाता है जिसका Use बड़ी मात्रा में Data भेजने के लिए किया जाता है।
इससे system में बाढ़ आ जाती है और इसके resources का उपयोग हो जाता है, जिससे यह काम करना बंद कर देता है।
Full form of DDoS attacks in hindi
DDoS attack का पूरा नाम Distributed Denial of Service attack है।DDoS attacks meaning in hindi - DDoS हमलों का अर्थ
A DDoS (Distributed Denial of Service) attack तब होता है जब संक्रमित डिवाइसेज एक वेबसाइट या नेटवर्क पर बहुत सारा traffic भेजते हैं जो इसे काम करने से रोक देता है।Hackers इन Devices को नियंत्रित करता है जो botnet कहलाता है इनका प्रयोग एक system को target करने के लिए करता है। इसके कारण website कार्य करना बंद कर देता है। इससे downtime हो सकता है, धन की हानि हो सकती है और website की reputation को नुकसान पहुंच सकता है।
DDoS attacks अक्सर पैसों को मांगने के लिए, सेवाओं को रोकने के लिए या अन्य अपराध हो जैसे data theft को छुपाने के लिए किया जाता है।
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Types of DDoS attacks in hindi - DDoS हमलों के प्रकार
DDoS attack के निम्न प्रकार होते हैं।
Volume-based Attacks:
ये attacks किसी target जैसे network या internet को overload करने के लिए बहुत सारे Data भेजते हैं। बहुत सारे ट्रैफिक भेजने का उद्देश्य यह रहता है कि target अर्थात network या internet धीमा पड़ जाए या कार्य करना बंद कर दे।उदाहरण के लिए, UDP बाढ़ अचानक Data भेजते हैं और ICMP कई ping requests भेजते हैं। ये attacks भेजे जा रहे Data की मात्रा के द्वारा मापे जाते हैं।
Protocol Attacks:
Protocol attacks, Resources जैसे memory या एक system में connections लेने पर focus करता है।उदाहरण के लिए एक SYN flood में attacker एक server को कई requests भेजता है परंतु process को समाप्त नहीं करता।
इससे सर्वर अपने resources को अनावश्यक रूप से बर्बाद कर देता है जिससे वह धीमा पड़ जाता है और कार्य करना बंद कर देता है। इसके अन्य उदाहरण Ping of Death, है जहां पर attackers बड़ा या टूटा हुआ data packets भेजता है जो target को crash कर देता है।
Application Layer Attacks:
ये attacks, websites या online services को target करते हैं। ये वास्तविक उपयोगकर्ता होने का दिखावा करके website को धीमा या अनुपलब्ध करने की कोशिश करते हैं।HTTP floods, website को overload करने के लिए बहुत सारे requests भेजते है। Slowloris कई कनेक्शन को खोल के रखता है और incomplete requests भेजता है इससे सर्वर को इंतजार करना पड़ता है और अपने resources का उपयोग करना पड़ता है।
DDoS attacks क्यों होते हैं?
एक DDoS attack एक website या service को कार्य करने से रोकने के लिए किया जाता है। Hackers, system को बहुत सारे ट्रैफिक भेजते हैं जिसके कारण वह धीमा पड़ जाता है या crash हो जाता है।DDoS attacks के कई कारण होते हैं। कुछ attackers, हमले को रोकने के लिए पैसे मांगने के लिए ऐसा करते है। अन्य लोग बदला लेने या किसी कंपनी को नुकसान पहुंचानेके लिए करते हैं।
कभी-कभी, वे जानकारी चुराने जैसे अन्य अपराधों से ध्यान भटकाने के लिए DDoS का उपयोग करते हैं।
DDoS attacks कभी-कभी किसी राजनीतिक मुद्दे के समर्थन या विरोध के लिए किए जाते हैं। ये attacks व्यवसायों और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाते है।
DDoS attack के खतरे
DDoS attacks बहुत खतरनाक हो सकते हैं जो निम्न है।1)Website कार्य करना बंद कर देता है :
एक DDoS attack , website या service को offline बना देता है।
2) Money Loss:
जब Businesses की website बंद हो जाती है और customers इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं तो उन्हें धन की हानि हो सकती है।
3. Reputation Damage:
यदि एक website पर कई बार आक्रमण होती है तो लोगों का विश्वास website से हटने लग जाता है। और उस पर भरोसा नहीं कर सकते है ।
4. Service Disruption:
महत्त्वपूर्ण online services, जैसे banking या shopping, रोका जा सकता है।
5. Extra Costs:
Businesses आपको आक्रमण के विरोध अपने website को सुरक्षित करने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है।
DDoS attack के रोकथाम
DDoS attacks कंडोम प्रकार से रोका जा सकता है।1) Use Firewalls:
Firewalls हानिकारक traffic को आपके नेटवर्क में पहुंचने से पहले block कर देता है।
2) Install Intrusion Detection Systems:
ये सिस्टम असामान्य गतिविधि को पहचान सकते हैं और हमलों को रोक सकते हैं।
3) Use DDoS Protection Services:
कुछ सेवाएं DDoS traffic को filter और manage करने में मदद करता है।
4) Increase Bandwidth:
ज्यादा bandwidth आपकी website को आक्रमण के दौरान अतिरिक्त traffic को संभालने में मदद करता है।
5) Regularly Update Software:
सभी software और security programs को update करते रहना चाहिए।
6) Set Up Load Balancers: को कम करने के लिए traffic को सभी servers में वितरित करना चहिए
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यह एक device या source से आता है।
DDoS:
यह कई devices या sources से आता है।
Dos और Ddos attack में अंतर
1) DoS:यह एक device या source से आता है।
DDoS:
यह कई devices या sources से आता है।
2) DoS:
यहां attacks छोटा है और कम शक्तिशाली है।
DDoS :
ये बड़े होते हैं और target पर काबू पाने के लिए कई devices का उपयोग करते हैं।
3) DoS:
यह attacks एक system या server को target करता है।
DDoS:
यह attacks कई systems या networks को target करता है।
3) DoS:
यह attacks एक system या server को target करता है।
DDoS:
यह attacks कई systems या networks को target करता है।
4) DoS:
यह attacks करने के लिए सरल है परंतु कम प्रभावशाली है।
DDoS:
यह attacks रोकने के लिए कठिन है और ज्यादा जटिल है।
5) DoS:
ये attacks आमतौर पर छोटे होते हैं.
DDoS:
यह लंबे समय तक चल सकता है और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
6) DoS:
इससे किसी सेवा को थोड़े समय के लिए रोका जा सकता है.
DDoS:
इससे लंबे समय तक काम बंद रह सकता है, धन की हानि हो सकती है और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंच सकती है।
7) DoS:
इन attacks का पता लगाना आसान है क्योंकि ये एक ही स्रोत से आते हैं।
DDoS:
इन attacks का पता लगाना कठिन है क्योंकि वे कई स्रोतों का उपयोग करते हैं।
8) DoS:
इसे सरल सुरक्षा उपायों से रोका जा सकता है।
DDoS:
इसके लिए फ़ायरवॉल और DDoS सेवाओं जैसी मजबूत सुरक्षा की आवश्यकता है।
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