Digital signatures in hindi
Digital signature, document पर online sign करने का सुरक्षित तरीका है। यह sender की पहचान की पुष्टि करने के लिए किसी विशेष code का उपयोग करता है और यह सुनिश्चित करता है कि document बदला नहीं गया है।
Signature का निर्माण करने के लिए एक private key उपयोग किया जाता है और एक public key का उपयोग इसे जांचने के लिए करता है। Digital signatures का उपयोग online contracts, emails, और payments के लिए किया जाता है।
History of Digital signatures in hindi
Digital signatures, 1970 दशक में शुरू हुआ। Whitfield Diffie और Martin Hellman ने public key cryptography को पेश किया, जो digital signatures का आधार बना।1977 में, Ronald Rivest, Adi Shamir, और Leonard Adleman ने RSA algorithm बनाया जो Digital signatures को बनाने के लिए पहली उपयोगी विधि थी।
समय के साथ, सुरक्षित ऑनलाइन संचार के लिए Digital signatures महत्वपूर्ण हो गए। आज digital signatures का उपयोग online shopping और Digital payments में यह जांच करने के लिए होता है कि जानकारी किसने भेजी तथा data को बदलने या दुरुपयोग होने से बचाने के लिए सुरक्षित रखा जाए
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Digital signatures कैसे कार्य करता है?
Digital signatures में private key और public key दो keys का उपयोग किया जाता है। Digital signatures निम्न प्रकार से कार्य करते है।Keys का निर्माण करना:
1) दो keys का निर्माण किया जाता है
Private Key:
Private key का उपयोग document पर sign करने के लिए करते है।
Public Key:
Public key का प्रयोग signature की जांच करने के लिए, अन्य लोगों के साथ share करने के लिए किया जाता है।
एक Hash का निर्माण करना
1) document से एक विशेष code जो hash कहलाता है का निर्माण किया जाता है।
2) यह hash code, document के लिए एक unique fingerprint के समान कार्य करता है।
Hash पर Sign करना
1) private key का प्रयोग hash को lock (encrypt) करने के लिए किया जाता है
2) यह locked hash, digital signature कहलाता है।
3) digital signature को document के साथ attach कर दिया जाता है।
Document को भेजना:
1) sign किए गए document को receiver के पास भेज दिया जाता है।
Signature की जांच करना
1) अब receiver, sender के public key का प्रयोग कर digital signature को unlock (decrypt) करता है।
2) इससे original hash मिलता है।
Hashes की तुलना करना
1) अब receiver, उस document से नया hash बनाता है।
2) उसके बाद उस नए hash की तुलना original hash से की जाती है।
3) यदि दोनों hash एक जैसे है तो प्राप्त हुआ document वास्तविक है और उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
4) यदि दोनों hash एक जैसे नही है तो प्राप्त हुआ document नकली है और उसमें बदलाव किया गया है।
Digital signature का उदाहरण
Digital signature को निम्न उदाहरण से सीखते है
Original Document
मान लीजिये Document मे लिखा content "Hello, world!" है
उसके लिए Hash code `A1B2C3D4` है।
Document को बदला गया
अब नया content "Hello, World!" जिसमे world को World में लिखा गया अर्थात w को Uppercase में बदला गया है जिससे एक नया hash code E5F6G7H8` मिला जो पूरी तरह से अलग है।
इसका मतलब है कि document में किया गया छोटा बदलाव पूरी तरह अलग hash code का निर्माण करता है।
Digital signatures की जरुरत क्यों होती है?
Digital signatures, data को बदलने से भी रोकता है। यदि कोई document को edit करता है तो signature अमान्य हो जाता है।
इनका उपयोग handwritten signatures को बदलने के लिए, online payments, contracts और legal documents में किया जाता है।
Digital signatures, सुरक्षित डिजिटल कार्य अनुमति देते हुए समय तथा पेपर की बचत करता है। वे इसका प्रमाण भी देते हैं कि document वास्तविक है और उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
यह उन्हें सुरक्षित संदेशों और इंटरनेट पर नियमों का पालन करने के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।
Advantages of Digital signatures in hindi
Digital signatures के निम्न फायदे हैं
1) Digital signatures, documents या message को होने वाले बदलाव से सुरक्षित रखता है।
2)वे साबित करते हैं कि message किसने भेजा।
3) कई देश digital signatures को वैध मानते हैं।
4) बिना paper की जरूरत के documents पर तेजी से हस्ताक्षर करते हैं।
5) Digital signatures paper, printing, और postage पर लगने वाले पैसों को बचाता है।
6) ये online transactions और documents को manage करना आसान बनाते हैं।
7) Sender, document को भेजने के लिए मना नहीं कर सकता है।
8) यह जांचना आसान है कि document असली है या नहीं।
Uses of Digital signature in hindi
Digital signature के निम्न उपयोग है।
यह साबित करता है कि email सही व्यक्ति से संबंधित है और बदला नहीं गया है।
2) Online shopping:
यह पुष्टि करता है कि online purchases वास्तविक और सुरक्षित है।
3) Legal contracts:
इसका प्रयोग contracts या agreements पर online sign करने के लिए उपयोग किया जाता है।
4. Tax filing:
यह tax forms को सुरक्षित रूप से online हस्ताक्षर करने और भेजने में मदद करता है।
5) Software downloads:
यह जांच करता है कि software सुरक्षित है और बदला नहीं गया है।
6) Government documents:
इसका उपयोग documents जैसे Aadhaar या passport forms पर online हस्ताक्षर करने के लिए किया जाता है।
7) Business approvals:
यह जल्दी से और सुरक्षित रूप से business documents को approve करने में मदद करता है।
What is Digital signature certificate in Hindi
Digital signature certificate (DSC), एक electronic document है जो यह साबित करने में मदद करता है कि आप कौन हैं और digital messages या documents को सुरक्षित बनाए रखता है।इसमें आपके name, email address, और एक unique key होते है। एक trusted authority, आपको certificate देता है।
जब आप एक Digital signature certificate के साथ कुछ sign करते हैं तो यह सुनिश्चित करता है कि डॉक्यूमेंट बदला नहीं गया है और आप वास्तविक प्रेषक हो।
DSCs का उपयोग online shopping, legal agreements, और government services जैसे चीजों के लिए किया जाता है।.
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