What is foreign key in DBMS in Hindi
Foreign key(विदेशी कुंजी), table में एक column या columns का set होता है, जिसका कार्य दो tables को जोड़ना है। वह table जिसमें foreign key रहता है उसे child table कहते हैं।यह relational databases का महत्वपूर्ण भाग है। foreign key, एक अन्य table जो parent table कहलाता है में उपस्थित primary key को point करता है।
parent table में उपस्थित primary key, प्रत्येक record(row) को uniquely, identify करने में मदद करता है।
child table की foreign key, parent table की primary key से मेल खाती है और दोनों को जोड़ती है।
यह दो tables के बीच एक relationship का निर्माण करता है। अतः databases में foreign keys आवश्यक है।
वे सुनिश्चित करते हैं कि data सही ढंग से जुड़े हैं, गलतियों को रोकते हैं और data को अच्छे से व्यवस्थित और प्रबंधित करने में मदद करते हैं।
Example of foreign key in DBMS in Hindi - foreign key के उदाहरण
इस example में दो tables Student Details (parent table)और Student Marks(child table)दिए गए हैं।Student Details में
StudentID column, primary key के रूप में कार्य करती है। यह primary key, सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक student के पास unique identifier है, जो कभी भी duplicate और null नहीं हो सकती है।
दूसरा table, Student Marks है जिसमे StudentID column, foreign key के रूप में कार्य करती है जो Student Details में प्रत्येक mark को संबंधित छात्र से जोड़ती है।
इस relationship से यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक mark की entry एक वास्तविक छात्र से जुड़ी हुई है, जिससे data की integrity बनी रहती है।
उदाहरण के लिए Student_Info table मे StudentID 001 (Rohit) का Student Marks table में 70 mark है।
यदि यह Student Details table में मौजूद नहीं रहता तो उसके mark को Student Marks table में जोड़ा नहीं जा सकता है।
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Importance of foreign key in DBMS in Hindi
DBMS में foreign key बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह data को सही और tables के बीच link बनाए रखने में मदद करता है।
यह गलत data entry को यह सुनिश्चित करते हुए रोकता है कि child table के record parent table के record से हमेशा मेल करे।
foreign key, data को दोहराने से रोकता है, जिससे database साफ और व्यवस्थित रहता है। वे संबंधित data को जल्दी से ढूंढने में मदद करता है जो खोजने की प्रक्रिया को तेज बनाता है।
foreign keys, data relationships को भी सुरक्षित रखता है इससे हर record सही link से जुड़ा रहता है।
वे referential integrity रखते हुए data नियमों का भी पालन करते हैं। यह database को व्यवस्थित, सही और उपयोग में आसान बनाता है।
Need of foreign key in DBMS in Hindi
DBMS में निम्न कारणों से foreign key की जरूरत होती है।
2) ऐसे records को जोड़ने से रोकते है जो parent table में पहले से मौजूद data से match नही करता है।
3) एक जैसे data को कई बार संग्रहित करने से बचाता है।
4) tables के बीच relationships को वैध बनाए रखता है।
5) यह सुनिश्चित करता है कि एक table में किया गया update जुड़े हुए table में में भी दिखाई दे।
6) database को साफ और व्यवस्थित बनाए रखता है।
7) जुड़े हुए data को जल्दी खोजने में मदद करता है।
8) यह सुनिश्चित करता है कि हर child table का record किसी valid parent table से जुड़ा हो।
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एक table में प्रत्येक record को पहचानने में मदद करता है।
Difference between Primary key and Foreign key in DBMS in Hindi
1) Primary Key:एक table में प्रत्येक record को पहचानने में मदद करता है।
Foreign Key:
यह एक table को अन्य से primary key के माध्यम से connect करता है।
यह एक table को अन्य से primary key के माध्यम से connect करता है।
2) Primary Key:
इसकी values आवश्यक रूप से unique होनी चाहिए।
Foreign Key:
इसकी value, repeat हो सकती है।
इसकी value, repeat हो सकती है।
3) Primary Key:
इसमें null values नही हो सकतें हैं। Foreign Key:
इसमें null values हो सकतें हैं।
4) Primary Key:
इसका उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि प्रत्येक record unique है।
Foreign Key:
इसका कार्य tables को connect करना है।
5) Primary Key:
एक table में केवल एक Primary Key हो सकते हैं।
Foreign Keys:
इसमें कई Foreign Keys हो सकते हैं।
6) Primary Key:
यह स्वचालित रूप से एक index का निर्माण करता है।
Foreign Key:
यह स्वचालित रूप से ऐसा नहीं कर सकता जब तक उसे set न किया जाए।
7) Primary Key:
इसे अन्य tables के द्वारा उपयोग नहीं किया जाता।
Foreign Key:
यह data को link करने के लिए अन्य table के Primary Key का उपयोग करता है।
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